
नई दिल्ली। भारत ने सीमापार आतंकवाद पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी सार्क के साथ सहयोग करने से फिलहाल इंकार कर दिया है। सार्क सम्मेलन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठा। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद का समर्थन जारी रखने का हवाला देते हुए भारत ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में सार्क के साथ आगे बढ़ना मुश्किल है। आपको बता दें कि बीते 4 वर्षों से सार्क सम्मेलन का आयोजन नहीं हो सका है।
भारत ने दिया दो टूक जवाब
बता दें कि 2016 में जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सार्क सम्मेलन में भाग लेने से इंकार कर दिया था। शनिवार को पीएम मोदी और नेपाल के पीएम ओली के बीच हुई चर्चा के बारे में विदेश सचिव विजय गोखले ने पत्रकारों को बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ सार्क का मुद्दा उठने पर पीएम मोदी ने कहा कि 'वह काठमांडू में हुए सार्क सम्मेलन में बड़े उत्साह के साथ शामिल हुए थे। हालांकि सीमापार से चलाए जा रहे आतंकवाद के जारी रहने के हालात में इस तरह की पहल के साथ आगे बढ़ना मुश्किल है।'
हाल ही में ऐसी खबरें आ रही थीं कि सार्क सम्मेलन के इस्लामाबाद में होने वाले आयोजन को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली पहल कर सकते हैं। पाकिस्तान सहित अन्य पडोसी देशों के राजनयिक समुदाय में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि नई दिल्ली यात्रा के दौरान नेपाली पीएम भारत को राजी कर सकते हैं।
2 साल में एक बार होता है आयोजन
बता दें कि सार्क सम्मेलन की मेजबानी सदस्य देशों द्वारा उनके अंग्रेजी नाम के पहले अक्षर के हिसाब से 2 साल एक बार की जाती है। आयोजन करने वाला देश ही सार्क की अध्यक्षता करता है। पिछली बार सार्क सम्मलेन 2014 में काठमांडू में हुआ था। इसके बाद 2016 में सार्क सम्मलेन इस्लामाबाद में होना था लेकिन 18 सितम्बर 2016 को उड़ी आतंकी हमलों के बाद भारत ने उसमें हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था। इस हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत के इंकार करने के बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामाबाद सम्मलेन में शामिल होने से इनकार कर दिया था जिसके बाद इस सम्मलेन को रद्द करना पड़ा था।
सार्क सम्मेलन की तैयारियों में जुटा है पाकिस्तान
फिलहाल तो पाकिस्तान सार्क सम्मेलन को इस साल किसी भी तरह आयोजित करने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन इस संगठन के सबसे ताक़तवर देश भारत की अनुपस्थिति में इस सम्मलेन का कोई मतलब नहीं रहा जाएगा, इसलिए पाकिस्तान ने भारत को मानाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने काठमांडू की यात्रा के दौरान इस्लामाबाद में इस सम्मेलन का आयोजन कराने के लिए नेपाली पीएम ओली से समर्थन मांगा था। अब्बासी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से भी जल्द सार्क सम्मेलन आयोजित कराने के लिए अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध किया था।
Published on:
08 Apr 2018 08:08 am
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