बताया जाता है कि रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला को स्लीपर कोच को एसी कोच में बदलने काम सौंपा गया है। नए इकोनॉमिकल AC 3-टियर में 72 बर्थों की जगह 83 बर्थ होंगे। इन कोच को एसी-3 टियर टूरिस्ट क्लास भी कहा जाएगा। इन ट्रेनों का किराया भी सस्ता होगा। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग एसी कोच में सफर के मजे ले सकेंगे। इससे आने—जाने वालों को भी सहूलियत होगी।
तैयार की जा रही डिजाइन
अंग्रेजी न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक हर कोच को बनाने में करीब 2.8 से 3 करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है। इनके लिए डिजाइन तैयार की जा रही है। हले फेज में इस तरह के 230 डिब्बों का उत्पादन किया जाएगा। रेलवे को उम्मीद है कि इकोनॉमिकल एसी 3-टियर से अच्छी कमाई होगी। क्योंकि इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग सफर करेंगे। इसके अलावा अनआरक्षित जनरल क्लास के डिब्बों को भी 100 सीट के एसी डिब्बों में बदलने की योजना बनाई गई है।
बताया जाता है कि साल 2004 से 2009 के बीच भी इकोनॉमिकल एसी 3-टियर क्लास डिब्बों को तैयार करने की योजना बनाई गई थी। तभी गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनें लॉन्च हुई थी। यात्रियों ने इसमें सफर के दौरान परेशानी की बात कही थी। साथ ही दूसरी दिक्कतें भी होने लगी। इसी के चलते इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था।