आरटीआई आवेदक नीरज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से साल 1978 में बीए की परीक्षा में शामिल हुए छात्रों की कुल संख्या, उनके परीक्षा परिणाम, क्रमांक, नाम, पिता के नाम, प्राप्तांक आदि की सूचनाएं मांगी थीं। ये सूचनाएं देने से इनकार करते हुए विश्वविद्यालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने जवाब दिया था कि मांगी गई सूचनाएं संबंधित छात्रों की निजी सूचनाए हैं। इसके बाद मामला सुचना आयोग के पास गया। सुचना आयुक्त आचार्युलु ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी की यह दलील खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा कि इस दलील में उन्हें दम या कोई कानूनी पक्ष नजर नहीं आता है।