संस्था ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में टिड्डी दल बड़ी संख्या में मौजूद हैं। वे तेजी से प्रजनन कर रहे हैं। ऐसी में आने वाले कुछ महीने में एक बार फिर टिड्डी दल का बड़ा हमला हो सकता है। इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए। हमले का पहला प्रभाव राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पड़ सकता है। संस्था ने इस बारे में सरकार को आगाह करते हुए कहा कि पर्यावरण संकट की वजह से ऐसे मामले बढ़ सकते हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकारों को टिड्डी चेतावनी संस्थानों को सक्रिय करने की जरूरत है। जिससे भविष्य में होने वाले बड़े नुकसान से बचा जा सके।
वहीं टिड्डी दल के पहले हमले से हुए नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए सरकार ने अपना बचाव किया। द्रीय कृषि मंत्रालय ने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए बताया कि टिड्डी दल के हमले की वजह से गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में कोई खास नुकसान नहीं हुआ। राजस्थान में सिर्फ इसका असर दिखाई दिया है। इसके बावजूद सरकार की ओर से 79 नियंत्रण टीम इन प्रदेशों में काम कर रही है। टिड्डियों को भगाने के लिए स्प्रे का छिड़काव बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।