
नई दिल्ली।
बिहार के भागलपुर स्थित कहलगांव एरिया की महिला डीएसपी रेशु कृष्णा के एक कारनामे की गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई। हडक़ंप मचा तो फटाफट जांच शुरू कर दी गई। महिला डीएसपी का यह कारनामा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है।
दरअसल, डीएसपी रेशु कृष्णा ने रातों-रात अपने पति को आईपीएस बना दिया था। उन्होंने आईपीएस की वर्दी पहने अपने पति के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। किसी ने इस बात की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से कर दी। जहां से मामले का संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
डीएसपी रेशु कृष्णा के पति की आईपीएस की वर्दी पहने फोटो वायरल होने के बाद बिहार पुलिस में भी खलबली मची हुई है। बताया जा रहा है कि रेशु कृष्णा के पति पुलिस महकमे में नहीं हैं। लेकिन अपने पति के साथ रेशु कृष्णा ने सोशल मीडिया पर जो फोटो पोस्ट की, उसमें वह आईपीएस की वर्दी पहने दिख रहे हैं। इस फोटो में वह विक्ट्री का साइन भी बनाए हुए हैं। इस फोटो के वायरल होने के बाद किसी ने इसकी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से कर दी।
पीएमओ को भेजी गई शिकायत में कहा गया कि महिला डीएसपी रेशु कृष्णा के पति कोई काम नहीं करते हैं। फिर भी उन्होंने आईपीएस की वर्दी पहनकर फोटो खिंचवाई है। शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि रेशु कृष्णा के मुताबिक, उनके पति आईपीएस हैं और पीएमओ में नियुक्त हैं। इस शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पीएमओ ने पूरे मामले की जांच बिहार पुलिस मुख्यालय को भेज दी।
पीएमओ से जांच का आदेश मिलने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने कार्यवाही आगे बढ़ाई तो सामने आया कि रेशु कृष्णा के पति आईपीएस अधिकारी नहीं हैं। भागलपुर पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है। संभवत: इस रिपोर्ट के आधार पर रेशु कृष्णा पर कार्रवाई की जा सकती है। यही नहीं, विवाद बढऩे के बाद उन्होंने वह फोटो भी सोशल मीडिया अकांउट से हटा दिया है। हालांकि, इससे पहले ही यह फोटो तेजी से वायरल हो चुका था। मूलरूप से बिहार के पटना की रहने वाली रेशु कृष्णा ने पूरे मामले से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
बता दें कि सेना और पुलिस की वर्दी आम नागरिकों के पहनने पर प्रतिबंध है। भारतीय कानून के मुताबिक, इसका उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 6 में आम लोगों के वर्दी पहनने पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने पर तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, भारतीय दंड संहिता की धारा 140 के तहत तीन महीने की जेल और जुर्माना हो सकता है।
Published on:
04 Aug 2021 09:29 am
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