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COVID-19 के खिलाफ साथ आए India-Israel, इस तकनीक से महज 30 सेकेंड में होगा corona टेस्ट!

Published: Aug 01, 2020 12:20:30 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

Covid-19 के खिलाफ लड़ाई और तेज, साथ आए भारत ( India ) और इजरायल ( Israel )
Delhi में चार तकनीक के जरिए तैयार किया जा रहा रैपिड जांच किट ( Rapid Test Kit )

Israeli technologies to detect Covid 19 in 30 seconds

अब महज 30 सेकेंड में होगा कोरोना टेस्ट!

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस (coronavirus) की चपेट में है। आलम ये है कि यह महामारी (COVID-19 Cases) लगातार बढ़ता ही जा रहा है और कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 15 लाख के पार पहुंच चुका है। वहीं, COVID-19 के खिलाफ भारत (India) और इजरायल ( Israel ) मिलकर जंग लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि चार अलग-अलग तकनीकों पर काम जारी है। अगर यह सफल हो जाता है तो महज 30 सेकेंड में कोरोना का रिजल्ट (Corona Result) मिल जाएगा।
दरअसल, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई और ज्यादा तेज होती जा रही है। इजरायल ( Israel) की एक टीम दिल्ली (Delhi) पहुंची है। दोनों देश साथ मिलकर कोरोना वायरस (coronavirus) की रैपिड जांच किट ( Rapid Test Kit For Corona ) डेवलप कर रहे हैं। जिससे COVID-19 का रिजल्ट महज 30 सेकेंड में मिल जाएगा। इसी कड़ी में इजरायल के राजदूत रॉन मालका ( Ron Malka ) ने राम मनोहर लोहिया (RML) हॉस्पिटल का दौरा किया, जहां पर रिसर्च चल रहा है। इजरायली राजदूत रॉन मालका ने तीन दिनों से जारी परीक्षणों की जानकारी भी ली। बताया जा रहा है कि भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद , इजरायल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय के साथ-साथ प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिलकर इस पर टेस्टिंग किट पर काम कर रहे हैं। दोनों देश इस रिसर्च पर काफी गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि इजरायली राजदूत के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन ( K Vijayraghavan ) भी RML पहुंचे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेराहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक तकनीक वायरस का पता लगाने का प्रयास करती है। इसमें एक सेंपल लिया जाता है और उसे एक चिप पर जमा किया जाता है। फिर इस तरीके से जांच की जाती है जो विशेष रूप से SARS-CoV-2 वायरस का पता लगाता है। जो COVID -19 का कारण बनता है। प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि इस तकनीक के जरिए परिणाम एक मिनट से भी कम समय में आ जाएंगे।
राघवन ने कहा कि दूसरे तकनीक को एक इज़ोटेर्मल परीक्षण कहा जाता है और यह वायरस की आनुवंशिक सामग्री को तेजी से बढ़ाता है। तीसरे तकनीक से पता चलता है कि वायरस के लिए विशिष्ट पॉली एमिनो एसिड कहां जाता है। जबकि चौथा तकनीक स्पर्शोन्मुख और प्रीसिप्टोमैटिक रोगियों से लिए गए नमूनों का अध्ययन करना है, दूसरों के साथ उसकी तुलना की जाती है। उन्होंने कहा कि ये सभी तकनीक अच्छी तरह से काम कर रहे हैं, लेकिन चुनौती यह है कि वे एक साथ कैसे काम करेंगे। वहीं, इजरायल की ओर से कहा गया है कि अगर यह परिणाम सफल ( corona rapid Test Kit ) हो जाता है तो भारत में काफी संख्या में इसके निर्माण किए जाएंगे। साथ ही दोनों देश संयुक्त रूप से इसकी मार्केटिंग भी करें।

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