
नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल ( JNJU ) कैंपस में 5 जनवरी और उससे पहले हुई हिंसा ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस पूरे मसले ना सिर्फ राजनीतिक दलों बल्कि फिल्मी हस्तियों ने अपनी-अपनी अलग-अलग राय रखी। लेकिन इस बीच इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा आपको भी चौंका देगा।
दरअसल सूचना का अधिकार कानून ( RTI ) के तहत दाखिल अर्जी के जवाब में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। RTI के तहत दिए गए आवेदन के जवाब में JNU की ओर से जो जानकारी साझा की गई है उसके मुताबिक कैंपस में स्थित डाटा सर्वर रूम में किसी तरह की तोड़फोड़ हुई ही नहीं थी।
ये भी हुआ खुलासा
आरटीआई के तहत हुए खुलासे पर गौर करें तो CCTV कैमरों और बायोमीट्रिक सिस्टम को भी किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि JNU प्रशासन ने दावा किया था कि छात्रों ने 3 जनवरी को डाटा सर्वर रूम, CCTV कैमरे और बायोमीट्रिक सिस्टम को तबाह और बर्बाद कर दिया है।
यानी आरटीआई के जरिये पूछे गए जवाब में JNU प्रशासन अपने ही बयान से पलट गया है। आपको बता दें कि ये आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास की ओर से लगाई गई थी।
जगह से बदले ही नहीं गए कम्प्यूटर
आरटीआई खुलासे में जो बात सामने आई उसके मुताबिक JNU ने प्वाइंट नंबर दो में कहा है कि सर्वर रूम में रखे गए सभी सर्वर रूम को सिर्फ रिबूट करके सुधार लिया गया। न तो इन्हें कोई नुकसान पहुंचा था और न ही इन्हें रिप्लेस ही किया गया। इसके अलावा प्वाइंट नंबर 4 और 10 में साफ कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरों और न ही डाटा सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई।
Updated on:
22 Jan 2020 01:39 pm
Published on:
22 Jan 2020 10:54 am
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