जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत सरकार से मांगी थर्ड फेज ट्रायल की अनुमति और इंपोर्ट लाइसेंस की डिमांड की है। कंपनी का दावा है कि कोविड में इसकी एक ही खुराक ही काफी होगी। उसके बाद उन्हें दोबारा से डोज लेने की जरुरत नहीं होगी।
नई दिल्ली। भारत सरकार ने रशियन वैक्सीन स्पूतनिक ट्रायल की मंजूरी देने के बाद अब दुनिया की बाकी कंपनियां भी भारत की ओर से रुख कर रही है। उन्हें मौजूदा समय में भारत उनकी दवाओं का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है। देश में अभी वैक्सीन की काफी जरुरत भी है। अब जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत सरकार से मांगी थर्ड फेज ट्रायल की अनुमति और इंपोर्ट लाइसेंस की डिमांड की है। कंपनी का दावा है कि कोविड में इसकी एक ही खुराक ही काफी होगी। उसके बाद उन्हें दोबारा से डोज लेने की जरुरत नहीं होगी।
जल्द बैठक बुलाने को कहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने अपने आवेदन पर निर्णय के लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति की बैठक शीघ्र बुलाने को कहा है। जॉनसन एंड जॉनसन ने यह आवेदन ऐसे वक्त में किया है जब केंद्र सरकार ने उन सभी विदेशी टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने का फैसला कर रही है। जिनको डब्ल्यूएचओ, अमरीका, यूरोप, ब्रिटेन या जापान में नियामकों से इसी प्रकार की मंजूरी मिल चुकी है।
क्यों खास है जेएंडजे का टीका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने 12 अप्रैल को 'सुगम ऑनलाइन पोर्टल के जरिए 'ग्लोबल क्लिनिकल ट्रायल डिवीजन में आवेदन किया था। जानकारों की मानें तो इसमें कुछ जटिलताओं के चलते जॉनसन एंड जॉनसन ने सोमवार को दोबारा आवेदन किया है। कंपनी की ओर से दावा किया गया है कि टीके को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में 3 माह तक के लिए सुरक्षित रखा सकता है। यह टीका केवल एक खुराक वाला है जबकि देश में अब तक जिन तीन टीकों को मंजूरी दी गई है, वे दो खुराक वाले हैं।