
13 घंटे में पूरा होगा दिल्ली से मुंबई का सफर, हर साल 32 करोड़ लीटर तेल की होगी बचत, जानिए खासियत
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (central government) की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Express Way) का काम लगातार जारी है। यह योजना सरकार (Government Yojana) की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। करीब 1,261 किमी का यह प्रोजेक्ट करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। इसमें 497 किमी के हिस्से पर काम जारी है और जल्द ही 162 किमी के एक अन्य हिस्से पर भी काम शुरू होने वाला है।
13 घंटे में होगा सफर पूरा
बताया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे Delhi Mumbai Express Way साल 2022-23 तक आम जनता इस पर सफर कर सकेगी। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद दिल्ली (Delhi) से मुबंई (Mumbai) तक का सफर महज 13 घंटे में पूरा किया जा सकता है। समय के साथ साथ इस एक्सप्रेस वे (Expressway) से लोगों के तेल की भी बचत होगी।
इन राज्यों से गुजरेगा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) (MoRTH) ने कहा है कि हरियाणा (Haryana), राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), गुजरात (Gujarat) और महाराष्ट्र से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) से जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद और वडोदरा की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी।
1261 किलोमीटर की लंबाई
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 1261 किलोमीटर की लंबाई का बनना है, इस पर करीब एक लाख करोड़ रुपये की लागत आनी है। इस एक्सप्रेस वे के 497 किलोमीटर के टुकड़े पर काम तेजी से चल रहा है, वहीं 162 किलोमीटर के दूसरे टुकड़े पर जल्द ही काम शुरु होने वाला है। जबकि बाकी बचे हुए 569 किलोमीटर के हिस्से के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है।
आपके बचेंगे 11 घंटे
जानकारों की माने तो दिल्ली से मुंबई के बीच 1261 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे के बनने से 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी वहीं यात्रा के समय में 11 घंटे की कटौती होगी। फिलहाल दिल्ली से मुंबई तक जाने में 24 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद महज 13 घंटे ही लगेंगे।
जानिए इसकी खासियत
- दिल्ली से मुबंई तक का सफर 13 घंटे में होगा तय
- साल 2022-23 तक आम जनता कर सकेगी सफर
- 5 राज्यों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
- 1261 किलोमीटर की लंबाई में बन रहा है एक्सप्रेसवे बनना है
- 150 किलोमीटर की दूरी होगी कम
- समय और तेल की खपत कम होगी इससे विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी
- हर साल 32 करोड़ लीटर तेल की बचत
- आर्थिक फायदा भी होने की उम्मीद है
- एक्सप्रेसवे से दूरी कम होने से लॉजिस्टिक लागत कॉरिडोर पर करीब 8-9% कम होगी और इससे लाइफटाइम करीब 1,00,000 करोड़ रुपये की बचत होगी
Published on:
17 Aug 2020 03:27 pm
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