
कर्नाटक: बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, भाजपा का दावा- बना लेंगे सरकार
नई दिल्ली। कर्नाटक में बागी विधायकों की अर्जी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुधवार को सुबह 10:30 बजे शीर्ष अदालत फैसला सुनाएगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की सदस्यता और अयोग्यता के मुद्दे पर मुकुल रोहतगी की ओर से पक्ष रखने के बाद स्पीकर के आर रमेश की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की। उन्होंने कहा कि जब विधायकों के अयोग्य होने पर सुनवाई जारी है तो विधायक इस्तीफा कैसे दे सकते हैं। अयोग्ता का मुद्दा इस्तीफा देने से पहले का है।
इस पर CJI रंजन गोगोई ने स्पीकर के उपलब्ध न होने का मुद्दा उठाया तो अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर ने पहले ही कह दिया था कि उनसे मुलाकात का समय नहीं मांगा गया था।
सीजेआई ने पूछे तीखे सवाल
इसके बाद सीजेआई ने पूछा कि अगर कोई व्यक्ति आमने-सामने इस्तीफा नहीं देता है तो क्या होता है? विधायकों के कोर्ट में आने से पहले स्पीकर ने कुछ किया क्यों नहीं? उन्हें नोटिस जारी करना चाहिए था। वह लगातार क्यों कहते रहे कि वह तुरंत फैसला नहीं कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि अगर आप इस्तीफे पर फैसला कर सकते हैं, तो करिए। CJI बोले कि जब हमने पिछले साल 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया तो आपने आपत्ति नहीं जताई थी, क्योंकि वो आपके हक में था।
इस पर सिंघवी ने कहा कि आप बंदिशें हटाइए। हम कल तक इस्तीफे और अयोग्यता पर फैसला कर लेंगे। साथ ही एक कारण भी देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि स्पीकर को कुछ हो गया है और वह इस तरह के फैसले ले रहे हैं। स्पीकर काफी अनुभव वाले व्यक्ति हैं।
इस्तीफा स्वीकार होते ही गिर जाएगी कुमारस्वामी सरकार
इससे पहले बागी विधायकों की ओर से पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर कोई विधायक नहीं रहना चाहता है तो कोई उन्हें फोर्स नहीं कर सकता है। इस्तीफा देने के बाद विधायकों को अयोग्य करार दिया जाना इच्छा के खिलाफ होगा।
रोहतगी ने शीर्ष अदालत से कहा कि स्पीकर जबरन इस्तीफा नहीं रोक सकते हैं। जिन विधायकों ने याचिका डाली है अगर उनकी मांग पूरी होती है तो कर्नाटक की सरकार गिर जाएगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने केरल, गोवा, तमिलनाडु हाईकोर्ट के कुछ फैसलों का हवाला देते हुए बताया कि स्पीकर को पहले इस्तीफे पर विचार करना चाहिए। केरल की अदालत ने तो तुरंत इस्तीफा स्वीकार करने की बात कही थी।
मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायक कोई नौकरशाह नहीं हैं जिसे इस्तीफा देने के लिए कारण बताना पड़े।
सदन का विश्वास खो चुकी कांग्रेस-जेडीएस सरकार ( Congress-Jds Government ) को बचाने के लिए विधायकों को अयोग्य करार देने का डर दिखाया जा रहा है।
येदियुरप्पा बोले, पांच दिन में बना लेंगे सरकार
दूसरी तरफ कर्नाटक प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येदियुरप्पा ( BJP BS Yeddyurappa ) ने अगले 4 से 5 दिन में राज्य में सरकार बना लेने का दावा किया है।
उन्होंने कहा है कि कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। यह बात कुमारस्वामी भी जानते हैं।
वह सदन में बढ़िया भाषण देने के बाद पद से इस्तीफा दे देंगे।
बागी विधायकों का आरोप
कर्नाटक से कांग्रेस के पांच बागी विधायकों ने 13 जुलाई को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष उनके त्यागपत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
ऐसा कर वह बहुमत खो चुकी सरकार को बचाना चाहते हैं।
बता दें कि जिन बागी विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर के खिलाफ याचिका दायर की थी, उनमें आनंद सिंह, के सुधाकर, एन नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग शामिल हैं।
आज आ सकता है अहम फैसला
कर्नाटक में कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर अपना अहम फैसला सुना सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि फिलहाल न इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा और न ही विधायकों को अयोग्य ठहराया जाएगा।
Updated on:
16 Jul 2019 11:10 pm
Published on:
16 Jul 2019 10:14 am
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