अफगानी एजेंसी ने 2017 किया था गिरफ्तार 2017 में केरल के वायनाड निवासी हमजफर को अफगान सुरक्षा एजेंसी ने आईएस में शामिल होने के लिए अवैध रूप से देश में घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक विशेष अदालत ने बुधवार को एनआईए को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड थी। इसी अदालत में हमजफर को पेश किया गया था। यह अफगानिस्तान से आईएस से सहानुभूति रखने वाले युवक के प्रत्यर्पण का पहला मामला है। हमजफर को केरल के एर्नाकुलम में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जिसने उसके खिलाफ पहले गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
पहली बार आईएस से सहानुभूति रखने वाले का प्रत्यर्पण एनआईए के अनुसार, यह मामला कासरगोड जिले के आरोपियों द्वारा रची जा रही साजिश से जुड़ा है, जिसमें वे अपने सहयोगियों के साथ रमजान 2015 से पहले से ही आईएस समूह में शामिल होने और उसके उद्देश्यों को फैलाने का प्रयास कर रहे थे। कासरगोड से कम से कम 14 आरोपियों ने अफगानिस्तान की यात्रा करने और आईएस में शामिल होने से पहले 2016 में मई के मध्य और जुलाई के शुरुआत में मध्यपूर्व में अपने काम के लिए भारत छोड़ा था। हमजफर इस साजिश का हिस्सा था, उसने अन्य भगोड़े आरोपी जैसे अब्दुल राशिद अब्दुल्ला और अशफाक मजीद से सोशल मीडिया संदेश के जरिए कूट भाषा में बातचीत की थी।
अक्टूबर 2017 में छोड़ा था भारत एनआईए अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘अब्दुल और मजीद अपने कॉलेज के साथियों शिहास, फिरोज खान, बेस्टिन विंसेट के जरिए हमजफर को जानते थे।’ एनआईए के अनुसार, यह इस मामले में बड़ी सफलता है क्योंकि इससे पहले एजेंसी के पास केरल के युवकों का अफगानिस्तान जाकर आईएस में शामिल होने के बारे में केवल दूसरे से ली गई सूचना थी। अधिकारी ने कहा कि हमजफर ने 3 अक्टूबर 2017 को भारत से गया था, इसके बाद पहले ईरान और उसके बाद काबुल जाने से पहले मस्कट, ओमान की यात्रा की थी।