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गुरुवार से जंतर-मंतर पर चलेगी ‘किसान संसद’, पुलिस और किसान संगठनों में बनी सहमति

किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच बातचीत के बाद सहमति बन गई है और दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों पर किसानों को जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' आयोजित करने की इजाजत दे दी है।

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'Kisan Sansad' Organized At Jantar Mantar From Thursday, Police Give Permission To Farmers' Organizations

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों (Farmers Protest Against Farms Law) को वापस लिए जाने की मांग को लेकर कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब संसद के बाहर गुरुवार (22 जुलाई) से 'किसान संसद' चलाने की घोषणा की है। इस संबंध में किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच सहमति बन गई है। दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों पर किसानों को 'किसान संसद' आयोजित करने की इजाजत दे दी है।

दरअसल, दिल्ली पुलिस को इस बार चिंता थी कि पिछली बार 26 जनवरी को जिस तरह से किसान बेकाबू हुए थे और लाल किले के प्राचीर में चढ़ गए थे, कहीं इस बार भी संसद की ओर किसान बेकाबू होकर न बढ़ जाए। लिहाजा, बुधवार को किसान संगठनों के साथ बातचीत करने के बाद शर्तों के साथ जंतर-मंतर में 'किसान संसद' आयोजित करने की अनुमति दे दी है।

यह भी देखें:- VIDEO: 22 जुलाई से संसद के बाहर 200 किसान करेंगे विरोध-प्रदर्शन, राकेश टिकैत बोले- हम सार्थक वार्ता के लिए तैयार

बातचीत के दौरान किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक अपनी 'किसान संसद' चलाने चाहते हैं। इसपर इजाजत देने को लेकर पहले दिल्ली पुलिस हिचकिचा रही थी, लेकिन बाद में शर्तों के साथ अनुमति दे दी है। बता दें कि किसान संगठनों की ओर से दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने किया।

मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया था कि 22 जुलाई से संसद के बाहर हम 'किसान संसद' चलाएंगे। हर दिन 200 किसान उस संसद में हिस्सा लेंगे। चूंकि, 19 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है, जो कि 13 अगस्त तक चलेगी। संसद की कार्यवाही के बीच किसानों का यह 'किसान संसद' काफी अहम माना जा रहा है।

किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस में इन बिन्दुओं पर बनी सहमति

किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच बुधवार को अहम बैठक हुई। इस दौरान 'किसान संसद' आयोजित करने को लेकर चर्चा हुई। बातचीत के दौरान कई शर्तों पर दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' चलाने की इजाजत दे दी..

- हर रोज 11 बजे से लेकर 5 बजे तक ही किसान संसद चलेगी।
- हर संगठन से सिर्फ 5-5 सदस्य ही इसमें शामिल होंगे। हर सदस्य की पहचान पहले की जाएगी।
- दिल्ली के अलग-अलग सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान सुबह 8 बजे सिंघु बॉर्डर के लिए चलेंगे।
- सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा होने के बाद 5 बसों में किसान जंतर मंतर की तरफ 10 बजे रवाना होंगे।
- सिंघु बॉर्डर के अलावा अन्य जगह से कोई किसान जंतर-मंतर नहीं आएगा।
- 200 किसानों को लेकर जाने वाली बसों के साथ-साथ पुलिस की गाड़ी भी चलेगी।
- जंतर मंतर पर भी बैठने की जगह सुनिश्चित की जाएगी। यहां पर कोविड के सभी नियमों का पालन किया जाएगा।

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- सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाएंगें। सीसीटीवी कैमरे से निरगानी भी की जाएगी, ताकि किसानों के इस प्रदर्शन में कोई बाहरी व्यक्ति शामिल न हो सके।
- 'किसान संसद' से लगातार किसानों को संबोधित किया जाएगा।
- शाम पांच बजे 'किसान संसद' खत्म होने के बाद सभी किसानों को उन्हीं बसों में वापस सिंघु बॉर्डर पर छोड़ा जाएगा।
- इस दौरान भी किसानों के बसों पर पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी।
- करीब 40 संगठनों के 5-5 सदस्य किसान संसद में हर दिन शामिल होंगे। इन पांचों में से एक को अपने ग्रुप को संभालने की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।