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जानिए भाजपा ने क्यों तोड़ी नीतीश कुमार और सुशील मोदी की जोड़ी

बीते दिन सुशील मोदी ने ट्वीट कर खुद इसके संकेत दिए थे कि वह डिप्टी सीएम पद से हट रहे हालांकि वे इस फैसले से निराश भी हैं। उनके ट्वीट से उनका दर्द साफ छलक रहा है।

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Vivhav Shukla

Nov 16, 2020

Sushil Modi and Nitish kumar

Sushil Modi and Nitish kumar

नई दिल्ली। नीतीश कुमार आज सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद (Nitish Kumar Oath Ceremony ) की शपथ लेंने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण की राजभवन में तैयारी पूरी हो चुकी है। बिहार की नई सरकार में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा रहे हैं। जिनमें पहला नाम तारकिशोर प्रसाद और दूसरा मंजू देवी का है। इस बार भाजपा ने नीतीश कुमार-सुशील कुमार मोदी को अलग कर दिया है। 30 सालों से अधिक समय से बिहार भाजपा के बड़े चेहरे के रूप में दिखने बाले सुशील मोदी पहली बार राज्य सरकार से बाहर है।

निराश हैं मोदी

बीते दिन सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने ट्वीट कर खुद इसके संकेत दिए थे कि वह डिप्टी सीएम पद से हट रहे हालांकि वे इस फैसले से निराश भी हैं उनके ट्वीट से उनका दर्द साफ छलक रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 'भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।'

तेवर बदल रही BJP

अब सवाल ये हैं कि आखिर भाजपा ने सुशील मोदी को नीतीश से अलग क्यों किया? जानकारों के मुताबिक भाजपा नीतीश-मोदी की जोड़ी को अलग कर नये चेहरे लाकर लोगों के संदेश देना चाह रही है कि पार्टी में व्यक्ति से ज्यादा कार्यकर्ताओं का महत्व है और एक साधारण कार्यकर्ता भी पार्टी में शीर्ष पद तक आसानी से पहुंच सकता है। इसके अलावा पार्टा एक और संदेश देना चाह रही है कि भाजपा अब खुद के बल पर खड़ा हो रही है । यही वजह है कि वे पुराने चेहरों को हटा कर नये चेहरों को मौका दे रही है। बता दें इस बार के चुनाव में भाजपा बिहार की दूसरी सबसे बड़ा पार्टी बनकर उभरी है। 74 सीटें आने के बाद बिहार में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है।