Parliament Monsoon Session LIVE update : संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) आज से शुरू हो रहा है। सत्र में मोदी सरकार अपने कई महत्वाकांक्षी विधेयकों को संसद में प्रस्तुत करेगी जबकि विपक्ष ने भी सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली है।
•Jul 19, 2021 / 05:24 pm•
सुनील शर्मा
विपक्ष की ओर से दोनों सदनों में हंगामा करने की वजह से नए मंत्रियों का परिचय नहीं हो सका। ऐसे में पीएम मोदी ने नाराजगी जाहिर की और कड़ी निंदा की। साथ ही राज्यसभा में भाजपा दल के नेता पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विपक्ष के बर्ताव की निंदा की।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
PM मोदी ने कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ महामारी पर चर्चा करनी चाहिए तथा सभी सांसदों को कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट होकर उपाय सुझाने चाहिए।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
PM मोदी ने कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ महामारी पर चर्चा करनी चाहिए तथा सभी सांसदों को कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट होकर उपाय सुझाने चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद तथा पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पेगासस प्रोजेक्ट पर प्रश्न पूछेंगे। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए देश की महत्वपूर्ण हस्तियों के फोन कॉल रिकॉर्ड होने की बात कह रहे हैं।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
PM मोदी ने कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ महामारी पर चर्चा करनी चाहिए तथा सभी सांसदों को कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट होकर उपाय सुझाने चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद तथा पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पेगासस प्रोजेक्ट पर प्रश्न पूछेंगे। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए देश की महत्वपूर्ण हस्तियों के फोन कॉल रिकॉर्ड होने की बात कह रहे हैं।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की रविवार को हुई बैठक में राफेल डील, किसान आंदोलन, पेट्रोल तथा डीजल की बढ़ती कीमतें, राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का निर्णय लिया गया। विपक्षी दलों ने भी कोविड 19 के खराब प्रबंधन को लेकर सरकार पर हमला बोलने का फैसला किया है।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
PM मोदी ने कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ महामारी पर चर्चा करनी चाहिए तथा सभी सांसदों को कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट होकर उपाय सुझाने चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद तथा पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पेगासस प्रोजेक्ट पर प्रश्न पूछेंगे। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए देश की महत्वपूर्ण हस्तियों के फोन कॉल रिकॉर्ड होने की बात कह रहे हैं।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की रविवार को हुई बैठक में राफेल डील, किसान आंदोलन, पेट्रोल तथा डीजल की बढ़ती कीमतें, राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का निर्णय लिया गया। विपक्षी दलों ने भी कोविड 19 के खराब प्रबंधन को लेकर सरकार पर हमला बोलने का फैसला किया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं को बताया कि सदस्यों, अधिकारियों व मीडिया की सुरक्षा के लिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सभी दलों को जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। उन्होंने सभी दलों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील भी की।
दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते। ‘
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से स्थगित कर दी गई। लोकसभा को एक बार फिर दोपहर 03.30 बजे तक और राज्यसभा को 03 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, प्रधानमंत्री के भाषण में व्यवधान डाले, भारी हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन हंगामा जारी है, राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोबारा से शुरू हुई है, इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। पीएम मोदी ने कहा कि दलित-आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि से कुछ लोगों को पीड़ा हो रही है। विपक्ष की मानसिकता महिला विरोधी है। विपक्ष को आदिवासी मंत्री का परिचय पसंद नहीं है। सदन में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है।
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन शुरू होते ही हंगामें भेंट चढ़ गया, विपक्ष के हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12.24 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पीएम ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष में तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग यह पचा नहीं पा रहे हैं कि अधिक महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के सदस्य मंत्री बने हैं, कई नए मंत्री किसानों के बच्चे हैं और ओबीसी समुदायों से भी जुड़े हैं।
लोकभा में पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया विपक्ष में उनके संबोधन के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी नए मंत्रियों का परिचय करा थे। विपक्ष के हंगामे पर पीएम ने कहा कि महिलाएं, दलित, पिछड़े मंत्री बने, कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है। मैंने सोचा था कि संसद में उत्साह होगा क्योंकि इतनी महिलाएं, दलित, आदिवासी मंत्री बने हैं। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में स्थान दिया गया है, लेकिन अगर देश की महिलाएं, ओबीसी, किसान के बेटे मंत्री बनते हैं तो शायद कुछ लोग खुश नहीं होते हैं। इसलिए वे इनका परिचय भी नहीं देने दे रहे हैं।
मानसून सत्र में शामिल होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, कि ‘लोग चाहते हैं कि संसद के जरिए उनकी आशाएं और उम्मीदें सरकार तक पहुंचे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।’
PM मोदी ने सभी दलों के नेताओं और सांसदों से अपील करते हुए कहा कि वे चाहे जिस भी मुद्दे पर कठिन से कठिन प्रश्न पूछ सकते हैं परन्तु वे सरकार को भी अपना पक्ष रखने का अवसर अवश्य दें। इस तरह हम लोकतंत्र की भावना को मजबूत बना सकेंगे।
PM मोदी ने कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ महामारी पर चर्चा करनी चाहिए तथा सभी सांसदों को कोविड-19 से लड़ने के लिए एकजुट होकर उपाय सुझाने चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद तथा पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पेगासस प्रोजेक्ट पर प्रश्न पूछेंगे। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए देश की महत्वपूर्ण हस्तियों के फोन कॉल रिकॉर्ड होने की बात कह रहे हैं।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की रविवार को हुई बैठक में राफेल डील, किसान आंदोलन, पेट्रोल तथा डीजल की बढ़ती कीमतें, राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का निर्णय लिया गया। विपक्षी दलों ने भी कोविड 19 के खराब प्रबंधन को लेकर सरकार पर हमला बोलने का फैसला किया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं को बताया कि सदस्यों, अधिकारियों व मीडिया की सुरक्षा के लिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सभी दलों को जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। उन्होंने सभी दलों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील भी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस सत्र में सरकार की ओर से लगभग 31 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोगों की मौत, महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस ने इस संबंध में अपनी दो कमेटियों का गठन भी कर दिया है और स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस सत्र में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद मुद्दे को भी उठाया जाएगा।
Hindi News/ Miscellenous India / Parliament Monsoon Session LIVE update: लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, मंगलवार 11 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित