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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बने देश के नए आर्मी चीफ

31 दिसंबर को रिटायर हो गए जनरल बिपिन रावत। नरवणे के नाम दर्ज हैं कई उपलब्धियां, आतंकियों से लोहा लेने में महारत। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 56वें कोर्स के हैं नरवणे।

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जनरल बिपिन रावत से आर्मी चीफ का कार्यभार ग्रहण करते ले. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे।

नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को देश के नए सेना प्रमुख के पद की कमान संभाली। उन्होंने आज सेवानिवृत्त हो रहे रहे मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है। इससे पहले बीते सितंबर में उन्होंने भारतीय सेना (आर्मी स्टाफ) में बतौर वाइस चीफ (उप प्रमुख) का पद ग्रहण किया था।

वहीं, मंगलवार को रिटायर हुए आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को केंद्रीय कैबिनेट ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त कर दिया है। राजधानी दिल्ली स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय में रावत ने नरवणे को नए आर्मी चीफ का पदभार सौंपा।

तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के 56वें कोर्स से

नरवणे के आर्मी चीफ बनने के बाद ऐसा मौका आ गया है जब देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के 56वें कोर्स के होंगे। इनमें वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह शामिल हैं।

मनोज मुकुंद नरवणे इससे पहले कोलकाता में भारतीय सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख थे। 31 अगस्त को आर्मी स्टाफ के पूर्व वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबु की सेवानिवृत्त के बाद उन्होंनेे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला था।

जवाबी कार्रवाई में महारथ

इस संबंध में भारतीय सेना द्वारा उस वक्त जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक नरवणे पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी माहौल में सक्रिय रहे हैं। इसके अलावा नरवणे श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान भारतीय शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं।

जून 1980 में नरवणे को सातवें सिख लाइट इंफैंट्री में कमिशन मिला था और उन्हें कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में जवाबी कार्रवाई करने में काफी अनुभव है।

कई मेडल से नवाजे जा चुके हैं

इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के कमांड के लिए नरवणे को 'सेना मेडल' (विशिष्ट) और नागालैंड में असम राइफल्स (उत्तर) के इंस्पेक्टर जनरल के रूप में सेवाएं देने के लिए 'विशिष्ट सेवा मेडल' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

नरवणे को वर्ष 2019 में परम विशिष्ट सेवा मेडल, 2017 में अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी नवाजा जा चुका है। जानकारी के मुताबिक नरवणे को पेटिंग, योग और बागबानी का भी शौक है। इनकी शादी वीना नरवणे से हुई है जो एक शिक्षक हैं और इनकी दो बेटियां हैं।