चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर 1 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर यह अपने मध्यकाल में होगा, इस दौरान ग्रहण का असर सबसे ज्यादा होगा। 5 बजकर 22 मिनट पर चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा। यानी करीब 4 घंटे 18 मिनट तक चंद्र ग्रहण चलेगा
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण उपछाया वाला है। दरअसल उपछाया का मतलब होता है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं है। उपछाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपछाया से ही वापस लौट जाता है।
चंद्र ग्रहण उपछाया वाला होने के चलते इस बार सूतक भी नहीं लगेगा। दरअसल पूर्ण चंद्रग्रहण ना होने की वजह से ये भारत में नहीं दिखाई देगा और यही कारण है कि सूतक काल्य मान्य नहीं होगा।
इस चंद्र ग्रहण के चलते भले ही लोकाचार यानी ग्रहण के दौरान किए जाने वाले धार्मिक कार्य भले ही नहीं किए जाएंगे, लेकिन इसका असर गृहों पर जरूर पड़ेगा। गृहों की चाल इस ग्रहण के चलते बदलेंगी। चंद्र ग्रहण के दौरान बृहस्पति और शनि ग्रह की चाल बदलेगी। दरअसल ये दोनों ही ग्रह मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
इस बार चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में है, जिसके कारण इस राशि के जातकों पर असर होने वाला है। इस राशि वालों को मानसिक तनाव हो सकता है। इसके अलावा बुध-सूर्य एक साथ वृश्चिक राशि में रहेंगे जिसके कारण इन राशि के जातकों पर असर होगा।
साव का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। हालांकि कई देशों में इसे देखा जा सकता है। इनमें अमरीका, नॉर्थ अमरीका, साउथ अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और एशिया के कई इलाकों में देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर ही होता है। जबकि अमावस्या पर पड़ने वाला ग्रहण सूर्य ग्रहण कहलाता है। भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, त्योहारों के बाद भी चलती रहेंगी ये खास ट्रेनें, यात्रा से पहले जान लें पूरी लिस्ट
ग्रहण विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए खराब समझे जाते हैं. कहा जाता है ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. बच्चे की सुरक्षा के लिए इस दौरान खाना, पीना और नींद से भी बचना चाहिए। यही नहीं ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए।