22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मध्यप्रदेश: धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश लागू, सरकार ने जारी की अधिसूचना

Highlights धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को राजपत्र (Gazette) में अधिसूचित किया है। कपटपूर्ण तरीके से कराया गया धर्मांतरण अपराध की श्रेणी में होगा।

less than 1 minute read
Google source verification
shivraj_singh.jpg

शिवराज सिंह चौहान।

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में शनिवार से लव-जिहाद के खिलाफ कानून बनाया गया है। शिवराज सरकार ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी किया है। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को राजपत्र (Gazette) में अधिसूचित किया है। अब यह कानून प्रभावी हो गया है।

इस बिल के अनुसार शादी या अन्य कपटपूर्ण तरीके से कराया गया धर्मांतरण अपराध की श्रेणी में होगा। इस मामले में अधिकतम 10 वर्ष की कैद की सजा है। वहीं एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान बताया गया है।

कठोर सजा का प्रावधान

धर्म छिपाकर (कथित लव जिहाद) शादी के अपराध में तीन वर्ष से दस साल तक की जेल और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान रखा गया है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रयास पर पांच से दस साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

नाबालिग,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के संग ऐसा अपराध करने पर दो से दस वर्ष की कैद का प्रावधान है। वहीं कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का रखा गया है।

यही नहीं इस बिल में अपनी इच्छा से धर्म संपरिवर्तन करने वाले या कराने वाले शख्स को 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी को सूचित करना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर कम से कम तीन से पांच वर्ष की कैद और कम से कम 50 हजार रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।