
चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट ने बैनर पोस्टर पर कड़ा फैसला दिया है, कोर्ट ने कहा है प्रचार करने वाले बैनर, पोस्टर, साइनबोर्ड व अन्य होर्डिंग्स पर जिंदा लोगों की फोटो नहीं लगाना चाहिए। राज्य सरकार को आदेश देते हुए जस्टिस एस वैद्यनाथन ने कहा कि अगर प्रशासन बैनर, फ्लेक्स बोर्ड, साइनबोर्ड या प्रचार सामग्री लगाने की अनुमति देता है तो यह भी सुनिश्चित करे कि उसमें किसी जिंदा व्यक्ति की तस्वीर न लगी हो। कोर्ट ने तमिलनाडु के प्रमुख सचिव को दिए आदेश दिया कि दीवारों पर गैरजरूरी चित्रकारी की जांच कर राज्य के सभी वार्डों में स्वच्छ वातावरण बनाया जाए।
घर के सामने से बैनर हटाने के लिए लगी थी याचिका
बी तिरूलोचना कुमारी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वैद्यनाथन ने यह आदेश जारी किए हैं। कुमारी ने अपनी याचिका में मांग की थी कि प्रशासन को कोर्ट आदेश दे कि वह उनके घर के सामने लगे बैनर हटाए। जस्टिस वैद्यनाथन ने इस दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और आदेश दिए कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो। कोर्ट ने कहा कि अगर पार्टी के बैनर और पार्टी झंड़े नहीं हटाए गए है, तो उन्हें तुरंत हटाया जाए। कोर्ट ने सरकार को चेताया कि यह भी तय किया जाए कि भविष्य में लोगों के घरों के सामने कोई पोस्टर बैनर ना लगे।
डीयू चुनाव में एनजीटी हुआ था सख्त
अभी सितंबर में संपन्न हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में एनजीटी ने सख्त आदेश देते हुए कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान बैनर पोस्टर न लगाए जाएं। एनजीटी ने डीयू और दिल्ली सरकार को कहा था कि वह पूरे यूनिवर्सिटी कैंपस से 24 घंटे में सभी प्लास्टिक बैनर और पोस्टर को हटाए। आदेश का पालन न करने पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया जाए और छात्र संघ चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर उसे कॉलेज से निकाला जाए।
Updated on:
25 Oct 2017 01:11 pm
Published on:
25 Oct 2017 12:30 pm
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