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इस्लामिक मुल्कों में भारत का सच्चा दोस्त मालदीव, कश्मीर से लेकर हर मुद्दे पर दिया साथ

locationनई दिल्लीPublished: May 23, 2020 03:21:18 pm

India का हर कदम पर साथ देता आया Maldives
Islamic Country Group में भारत का दोस्त
Organisation of Islamic Corporation में भारत के लिए उठाई आवाज

PM Modi and President of Malvies

पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति

नई दिल्ली। भारत ( India ) को एक बार बार फिर सच्चे दोस्त का साथ मिला है। दर कदम पर भारत ( India ) के साथ खड़ा रहने वाला उसका ये सच्चा दोस्त है मालदीव ( Maldives )। पाकिस्तान ( Pakistan) ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन ( OIC ) के जरिये कश्मीर ( Jammu Kashmir ) मुद्दे पर भारत को फंसाने के लिए जो दांव चला उसे भारत के दोस्त मालदीव ने ही पलट दिया। भारत के पक्ष में बोलकर मालदीव ने साबित कर दिया कि वो अपने दोस्त के साथ खड़ा है।
ये पहला मौका नहीं है जब मालदीव ने अपने दोस्त का साथ दिया हो, समय-समय पर मालदीव ने हर मंच से भारत के पक्ष में आवाज बुलंद की है। ऐसे में ये कहना ठीक होगा कि इस्लामिक मुल्कों के समूह में मालदीव भारत का सच्चा दोस्त है।
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पाकिस्तान को दिखाया आईना
जब ओआईसी के जरिये पाकिस्तान ने भारत को कश्मीर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की तो मालदीव ने कड़े शब्दों में एतराज जताते हुए कह दिया कि किसी एक देश को दोष देना ठीक नहीं है। मालदीव OIC के अंदर ऐसे किसी एक्शन का समर्थन नहीं करेगा, जिसमें भारत को निशाना बनाया जाएगा।
कश्‍मीर भारत का अंदरूनी मसला
कश्‍मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने के पाकिस्तान के मंसूबों को मालदीव लगातार कूचलता रहा है।
वर्ष 2019 में मालदीव में ही साउथ एशियन स्‍पीकर्स समिट आयोजित की गई। इस समिट में पाकिस्‍तानी प्रतिनिधि ने कश्‍मीर मुद्दा हवा देने की कोशिश की लेकिन मालदीव के प्रवक्ता मोहम्‍मद नाशीद ने इस हवा का रुख मोड़ दिया और कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है इसे इस मंच पर उठाने की जरूरत नहीं। दरअसल 1974 से ही मालदीव का कश्‍मीर पर यही स्टैंड है।
धार 370 पर भी समर्थन
भारत के इस सच्चे दोस्त मालदीव ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के फैसले का भी समर्थन किया और इस बार भी अपने दोस्त के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कई मुस्लिम देशों ने इसका विरोध किया, लेकिन मालदीव सरकार ने ये कह कर भारत का साथ दिया कि – “भारत सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 370 के तहत जो फैसला किया है, उसे मालदीव एक आंतरिक मामला मानता है।”
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हिंद महासागर के मुद्दे पर भी दोनों एकमत
भारत से मालदीव की दोस्ती का एक और उदाहरण ये भी है कि दोनों ही देश हिंद महासागर में स्थिरता को लेकर एकमत हैं। मालदीव ने इसी वर्ष कहा था, ‘हमारे भारत से बेहतरीन रिश्‍ते हैं।’
भारत से मिला भरपूर साथ
ये सिर्फ एक तरफ दोस्ती नहीं बल्कि भारत ने भी मालदीव का भरपूर साथ दिया है। वर्ष 2018 में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मो. सोलिह ने शपथ लेने के 15 दिन बाद ही भारत का तीन दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अपने दोस्त से कई प्रोजेक्ट्स पर मदद मांगी, जिसके जवाब में भारत ने हाथ बढ़ाकर स्वागत किया।
कोरोना संकट में भी भारत ने निभाई दोस्ती
कोरोना से जूझ रहे मालदीव की मदद के लिए भारत भी आगे आया। अप्रैल महीने में मालदीव के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन संजीवनी’ चलाया। 18 घंटे के इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने नई दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई और मदुरै से 6.2 टन जरूरी दवाएं और अस्‍पताल की चीजें मालदीव को भेजी थीं। मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शहिद ने भारत को तब ‘दोस्‍त और पार्टनर’ करार दिया।

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