यह सही है कि बीते करीब चार वर्षों में पार्टी ने राष्ट्रपति और सरकार से जुड़े उन कुछ खास लोगों के क्रियाकलापों को लगातार नजरअंदाज किया, जो न सिर्फ लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करते रहे बल्कि, वित्तीय अनुशासन और मजबूत विदेश नीति को भी नुकसान पहुंचाते रहे। यही वक्त है, जब पार्टी को निर्णय लेना होगा कि वह ट्रंप और उनके निष्ठावान समर्थक जैसा चाहते हैं, आगे भी वैसा ही करे और उसी दिशा में बढ़ती रहे या फिर सख्त बदलाव करते हुए खुद के लिए नई नीतियां और बेहतर पाठ्यक्रम बनाए।
मेरीलैंड के गवर्नर लैरी होगन, उन कुछ निर्वाचित रिपब्लिकन्स में शामिल हैं, जिन्होंने ट्रंपवाद और उनके प्रशासन की हमेशा निंदा की है। होगन का मानना है कि पार्टी के लिए यह सही नेतृत्व चुनने का अच्छा समय है। होगन वर्ष 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिक पार्टी की ओर से मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, पार्टी को तय करना होगा कि क्या हम आगे भी डोनाल्ड ट्रंप के निर्देशन और नेतृत्व में आगे बढ़ते रहेंगे या फिर अपनी जड़ों की ओर लौटते हुए सार्थक बदलाव करेंगे। पार्टी को शुद्धिकरण करना ही होगा और इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप से निजात जरूरी है। हालांकि, मुझे इसकी संभावना कम ही दिखती है कि ट्रंप पूरी तरह से पार्टी से अलग हो जाएंगे।
क्या पार्टी ट्रंप की तरह टेक्सास सीनेटर टेड क्रूज को भी बाहर करने की सोच सकती है, क्योंकि वह क्रूज ही थे, जिन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के ट्रंप के बेबुनियाद आरोपों का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि, पिछले दिनों कैपिटल हिल में हुए दंगे को भडक़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। हालांकि, खुद रिपब्लिक पार्टी के चुनाव अधिकारी भी शुरू से अपने विपक्षी जो बिडेन की बात का समर्थन करते रहे कि चुनाव निष्पक्ष हुआ और इसमें कहीं कोई धांधली नहीं हुई। यहीं नहीं, ट्रंप की ओर से नियुक्त कुछ न्यायाधीशों ने भी इस बेतुके आरोप को अपने फैसले में खारिज कर दिया था। हालांकि, 20 जनवरी को टेड क्रूज ने जो बिडेन की जीत को स्वीकार तो कर लिया, लेकिन वह इस जीत को वैध मानने और संवैधानिक स्वरूप देने से अब भी इनकार कर रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए क्रूज ने कहा भी कि बिडेन ने चुनाव जीता और वह राष्ट्रपति हैं, मैं बस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आया हूं। क्रूज ने आगे बढ़ते हुए ट्रंप का समर्थन किया और कहा कि वह हमेशा किसी भी राजनीतिक बातचीत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगे। साथ ही, क्रूज ने पार्टी को यह नसीहत भी दी कि वह अपनी विभाजनकारी भाषा और सोच से जल्द से जल्द दूर हो, नहीं तो आने वाले चुनावों में उपनगरीय मतदाता, जिनमें खासकर महिलाएं शामिल है, हमसे दूर हो जाएंगी। क्रूज के मुताबिक, ट्रंप आगे भी पार्टी को अपने विचारों से अवगत कराते रहेंगे और उनका प्रभाव वैसा ही बना रहेगा, जैसा पहले था। उन्होंने कहा, हमें और आगे जाना होगा। तरक्की पसंद नीतियों पर काम करना होगा। अमरीका और अमरीकी नागरिकों के विकास को प्राथमिकता देनी होगी। क्रूज को भी वर्ष 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है।
हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कैपिटल हिल में हुई हिंसा को लेकर रिपब्लिक पार्टी में दो गुट बन चुके हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता ट्रंप और उनके समर्थक नेताओंं से खुद को दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, ये नेता ट्रंप और उनके समर्थक नेताओं पर कार्रवाई करने और पार्टी से अलग करने की मजबूत दलीलें भी दे रहे हैं।