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नई दिल्ली।
एक ओर शेयर बाजार धूम मचा रहा है, दूसरी ओर भारतीय स्टार्टअप कंपनियां इस समय अपने जोर पर हैं। भारतीय टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप कंपनियां इस समय निवेश का बड़ा बाजार बन गई हैं। यही वजह है कि जनवरी से लेकर सितंबर के बीच में इन भारतीय स्टार्टअप ने 5967 अरब रुपए जुटाए हैं।
इस समय देश में करीब 40 हजार स्टार्टअप काम कर रहे हैं, जिसमें से 34 यूनिकार्न कंपनियों के तौर पर बाजार में खड़े हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर कंपनियों को यूनिकार्न होने में औसतन सात साल का समय लगा। अब यही कंपनियां आइपीओ की तैयारी कर रही हैं। मतलब, जो कंपनियां कल तक खुद दूसरों से पैसा लेकर चल रही थीं, वह बाजार से पैसा लेकर नई कंपनियों में निवेश करेंगी और बाजार को नई दिशा देंगे।
एक कंपनी में 11 अरब का निवेश
स्टार्टअप में फंडिंग करने वाली प्रमुख कंपनियों में सिकोइया भारत, 100एक्सवीसी, एस्सल पार्टनर, मुंबई एंजल नेटवर्क, लेट्स वेंचर, मेट्रिक्स पार्टनर, सेफ पार्टनर, बेटर कैपिटल, वाई कॉ्बीनेटर, नेक्सस वेंचर पार्टनर हैं। सिकोइया ने एडटेक कंपनी अनएकेडमी में 150 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश किया था। भारतीय रुपए में इसकी कीमत करीब 11 अरब रुपए होती है। ये कंपनी एक झटके में यूनिकार्न कंपनी में बदल गई थी। इस बीच भारतीय स्टार्टअप कंपनियां अब तक 464 खरब रुपए की फंडिंग बाजार से ले चुकी हैं।
तेजी की चार वजहें
देश में इंटरनेट का तेजी से विस्तार हो रहा है। दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर डिजिटल मनी और ई—कॉमर्स का तेजी से विस्तार इसकी स्वीकार्यता ई—गर्वेनेन्स और सरकार की स्टार्टअप को सहयोग करने की नीति तेजी से तैयार होता तकनीकी ईकोसिस्टम, तकनीकी आधारित स्टार्टअप.
Published on:
13 Dec 2020 01:52 pm
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