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शहादत से पसरा था मातम, नन्हें कदमों से घर आई खुशियों की लहर

स्वाधीनता दिवस से ठीक दो दिन पहले आतंकियों से लड़ते हुए प्रदीप सिंह रावत ने महज 27 साल की उम्र में वतन पर खुद को बलिदान करते हुए दुनिया छोड़ दी थी।

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शहादत से पसरा था मातम, नन्हें कदमों से घर आई खुशियों की लहर

देहरादून। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में देश के लिए शहीद हुए भारतीय सेना के जवान प्रताप सिंह रावत के घर में एक बेटी ने जन्म लिया है। शहीद के परिवार में नए मेहमान के आने से खुशियों की लहर दौड़ गई है लेकिन पिता की कमी हर किसी को भावुक कर रही है। ऋषिकेश एम्स से जैसे ही शहीद के घर बेटी होने की खबर आई वैसे ही सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया।

शहादत के समय सात माह गर्भवती थी प्रदीप की पत्नी

उल्लेखनीय है कि स्वाधीनता दिवस से ठीक दो दिन पहले यानी 13 अगस्त को आतंकियों से लड़ते हुए प्रदीप सिंह रावत ने महज 27 साल की उम्र में वतन पर खुद को बलिदान करते हुए दुनिया छोड़ दी थी। उनके निधन के वक्त उनकी पत्नी सात माह की गर्भवती थी।

बच्चे को लेकर बहुत सपने थे प्रदीप के

प्रदीप को याद करते हुए भावुक परिजन बताते हैं कि उन्होंने बच्चे के जन्म को लेकर बहुत सारे सपने संजोए थे। इन सपनों को साकार करने का जिम्मा अब शहीद के माता-पिता, पत्नी और बहनों पर है। खुशी के इस मौके पर प्रदीप को याद कर परिजनों की आंखें छलक गईं।


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