
नई दिल्ली.पटना. यूएस के टेक्सास में पिछले दिनों जो बच्ची गुमी थी। वह बिहार से मलयाली मूल के अमरीकी दंपति ने गोद ली थी। तब उसका नाम सरस्वती था जो बदलकर अब शीरीन हो गया है। 7 अक्टूबर को तीन साल की शीरीन को शनिवार देर रात 3 बजे घर के बाहर खड़ा कर दिया। शीरीन ने दूध पीने से मना किया था। घर के बाहर वह एक पेड़ के नीचे खड़ी थी। 15 मिनट बाद विस्ली जब शीरीन को देखने गए तो वह वहां नहीं थी। तब से लेकर अब तक पुलिस उसे ही खोज रही है। शीरीन उर्फ सरस्वती को बिहार के नालंदा स्थित मदर टेरेसा अनंत सेवा संस्थान एनजीओ से उसे पिछले साल 23 जून एक मलयाली मूल के अमरीकी दंपती ने गोद लिया था।
डेढ़ साल की उम्र में आश्रम आई
बिहार की इस बच्ची को गोद देने वाली एजेंसी सारा के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बच्ची को वेस्ले और उनकी पत्नी सिनी ने गोद लिया था। एनजीओ की सचिव बबीता कुमारी ने बताया कि गोद लेने से पहले उस बच्ची का सरस्वती था। जब उसे इस आश्रम में लाया गया उसकी उम्र डेढ़ साल थी। उसकी आंखों में कुछ परेशानी थी। वहां से 14 फरवरी 2015 को उसे एनजीओ को सौंप दिया गया था। इसके बाद जून २०१६ में अमरीकी दंपति ने उसे गोद लिया था।
पिता को मिली जमानत
बच्ची को आखिरी बार उसके 37 वर्षीय पिता विस्ली मैथ्यूज ने देखा था। बच्चे के प्रति क्रूरता करने पर पुलिस ने शीरीन के पिता विस्ली को गिरफ्तार कर लिया था। विस्ल को डेढ़ करोड़ रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी गई है। अब विस्ल अपनी बेटी को खोज रहे हैं। विस्ली के घर के पास से ही रेलवे लाइन भी जाती है। पुलिस को आशंका है कि बच्ची रेलवे लाइन को पार कर कहीं चली गई होगी। रिचर्डसन पुलिस के सार्जेंट केविन पेरलिच मुताबिक जब बच्ची 3 बजे से गायब थी, तो सुबह 8 बजे तक उसके लापता होने की सूचना क्यों नहीं दी गई, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब हम ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि शीरीन ठीक से बोल नहीं पाती है और वह आखिरी समय में गुलाबी रंग का टॉप और काला पायजामा पहने हुए थी। साथ ही उसने गुलाबी रंग की ही चप्पल पहन रखी थीं।
Updated on:
14 Oct 2017 02:52 pm
Published on:
14 Oct 2017 02:50 pm
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