
India needs 2 months for fight against corona
नई दिल्ली। भारत को COVID-19 के लिए कम से कम दो और महीनों के लिए तैयार रहना चाहिए। अगले दो महीनों तक स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड के साथ आइसोलेशन बेड पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शनिवार को आयोजित एक बैठक में निकल कर सामने आई।
इस संबंध में मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत के लगभग 70 फीसदी मामले सात राज्यों की 11 नगर पालिका क्षेत्रों से उभर रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं। स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधान स्वास्थ्य सचिवों, शहरी विकास सचिवों, निगम आयुक्तों, मिशन निदेशकों (एनएचएम) और उपरोक्त 11 नगर निगम क्षेत्रों के अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
11 इलाकों में सर्वाधिक चुनौती
सभी को यह बताया गया कि बड़ी चुनौती उन निगमों में है जहां कम समय में मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है, मृत्यु दर अधिक है और पुष्ट मामलों की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह भी बताया गया कि उच्च जोखिम वाली और असुरक्षित आबादी और समूहों की सक्रिय जांच के जरिये रोकथाम और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भर्ती किए गए रोगियों के प्रभावी और मजबूत नैदानिक प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कैसे होगी अगले दो माह की तैयारी
उन्हें जानकारी दी गई कि अगले दो महीनों के लिए तैयारी सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बिस्तरों के साथ आइसोलेशन बिस्तरों पर विशेष ध्यान देने सहित स्वास्थ्य से संबंधित बुनियादी सुविधाओं को तैयार करने पर गौर करने की आवश्यकता है।
जिन अन्य जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है उनमें- सैंपल लेने में देरी को दूर करने के लिए सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं के साथ सक्रिय समन्वय बनाना, स्वास्थ्य/बिस्तर की क्षमता बढ़ाने, अपशिष्ट निपटान और पॉजिटिव क्षेत्रों के कीटाणु शोधन के लिए निजी अस्पतालों के साथ साझेदारी, प्रवासी मजदूरों के लिए शिविरों का प्रबंधन शामिल है।
जागरूकता जरूरी
इसके अलावा रोगियों और चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों जैसे मुद्दों पर स्थानीय भाषाओं में जागरूकता फैलाना और विश्वास बहाल करने के उपायों के लिए निगरानी टीमों के साथ समुदाय के नेताओं, युवा समूहों, गैर-सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय रूप से शामिल करना शामिल है।
ईरान के करीब पहुंचे कोरोना केस
शनिवार को भारत में कोरोना वायरस के कुल केस का आंकड़ा 1,25,101 तक पहुंच गया, जो ईरान से कुछ हज़ार कम था। मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार से शनिवार तक देश में एक दिन के सर्वाधिक 6,654 केस सामने आए। 24 घंटों में 137 मौतों के साथ शनिवार तक देश में कुल 3,720 मौतें हुईं। मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार से शनिवार तक 1,15,000 टेस्ट किए गए और देश भर में कुल 28 लाख परीक्षण हो चुके हैं। इस दौरान देश में कुल 51,784 मरीज रिकवर हो चुके हैं।
टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत
इस दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि शुरुआत में ही कोरोना पॉजिटिव केस का पता लगाने, समय पर उपचार देने और मृत्यु दर में कमी सुनिश्चित करने के लिए कुछ नगर निगम इलाकों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
मुंबई-इंदौर में हाईटेक तैयारी
मुंबई जल्द ही एक सार्वजनिक पोर्टल शुरू करेगा जिसमें प्रत्येक बिस्तर के लिए यूनिक आईडी नंबर और एक जीपीएस-समर्थित एंबुलेंस ट्रैकिंग सिस्टम के साथ बिस्तर की उपलब्धता नजर आएगी। इंदौर में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और घर-घर सक्रिय सर्वेक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
Updated on:
24 May 2020 02:31 pm
Published on:
24 May 2020 02:28 pm
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