राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी के अच्छे नतीजे मिले हैं। दो मरीजों की सेहत में खासा सुधार देखने को मिला। सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी दी। डॉक्टरों की मानें तो Monoclonal antibody therapy for covid 19 से 12 घंटे में कोरोना के दो मरीजों की सेहत में काफी सुधार दिखने लगा।
इसके बाद उन्हें मोनोक्लोनल एंडीबॉडी थेरेपी दी गई। महज 8 घंटे बाद मरीज की सेहत में सुधार दिखने लगा। यही नहीं रोगी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
डॉक्टर खोसला के मुताबिक सही समय पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी का इस्तेमाल किया जाए तो यह इलाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे लोगों को अस्पताल में भर्ती करने या उनकी स्थिति को और खराब होने से बचाया जा सकता है।
स्टेरॉयड और इम्यूनोमॉड्यूलेशन के इस्तेमाल में कमी
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का सबसे बड़ा फायदा ये भी है इसकी मदद से स्टेरॉयड या इम्यूनोमॉड्यूलेशन के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है। दरअसल स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से ही कई मरीजों में पोस्ट कोविड कई तरह के साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। यही वजह है कि लगातार इसके कम इस्तेमाल पर चर्चा चल रही है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी से म्यूकरमाइकोसिस ( Black Fungus ) या कई तरह के अन्य संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।
इस दवाई को देने में 20-30 मिनट का वक्त लगता है, लेकिन ये कारगर साबित होती है। अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी यही थेरेपी दी गई थी।