
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) लगातार चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।
इसको विक्रम को सिग्नल भेजने और संचार स्थापित करने में जुटा है। इसके लिए डीप स्पेस नेटवर्क ( DCN ) तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है।
एक मीडिया एजेंसी के अनुसार अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा भी विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए अब इसरो की मदद को खड़ा हो गया है।
इसरो के अनुसार नासा का जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) विक्रम को लगातार रेडियो सिग्नल भेजने का प्रयास कर रहा है।
इसरो के एक अधिकारी की मानें तो चंद्रमा की सतह पर लोकेट हुए विक्रम पर संचार लिंक भेजने का प्रयास जारी है। 20-21 सितंबर तक ये प्रयास जारी रहेंगे।
अधिकारी के अनुसार लैंडर विक्रम से संपर्क साधने में सबसे बड़ा वरदान सूरज की रोशनी है। क्योंकि लैंडर में बैटरी के अलावा सोलर प्लेट लगी हैं, जो सूरज की रोशनी से चार्ज होती रहेंगी।
लेकिन 14 सितंबर के बाद शुरू होने वाली लूनार नाइट विक्रम के लिए नई मुश्किलें लेकर आएगी।
इसरो ने जारी किया चंद्रयान-2 का यह एक्सक्लूसिव वीडियो--
वही महान खगोलविद स्कॉट टायली ने भी चांद पर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने संभावन जताई हैं। उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
आपको बता दें कि टायली ने पिछले साल यानी 2018 में अमरीका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को खोज लिया था।
Updated on:
13 Sept 2019 08:04 am
Published on:
13 Sept 2019 08:00 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
