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PM Modi के हाथ लगीं फाइलें- ‘सोनिया गांधी थीं सुपर पीएम, मनमोहन सिंह पर दबाव’ 

राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की कुल 710 फाइलें सरकार ने सार्वजनिक कीं। सोनिया गांधी पर यूपीए सरकार में दखल देने का आरोप। कांग्रेस ने खारिज किए सभी आरोप।

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rohit panwar

Jan 10, 2017

Sonia gandhi in files

Sonia gandhi in files

नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार के हाथ में यूपीए सरकार से जुड़ी कई अहम फाइलें हाथ लगी हैं। ये फाइलें कांग्रसे अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की हैं। इनमें सोनिया गांधी पर आरोप लगे हैं कि वो यूपीए के कार्यकाल में सुपर पीएम के तौर पर काम कर रही थीं। पूर्व पीएम मनमोहन उनके दबाव में काम कर रहे थे। हालांकि कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया।

सरकारी पॉलिसी में दखल देने के अारोप

इन 710 फाइलों से मिली जानकारी के आधार पर आरोप है कि दस साल तक सोनिया गांधी के दखल से सरकार चली। काम सोनिया गांधी करती रहीं और गलतियों का ठीकरा मनमोहन सिंह पर फूटता रहा। एक अंग्रेजी अखबार ने इस बाबत खबर छापी। इसके अनुसार, यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गांधी कोयला, ऊर्जा, डिसइन्वेस्टमेंट, रियल एस्टेट, गवर्नेंस, सोशल और इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए बनने वाली सरकारी पॉलिसी में दखल देती थीं। ज्ञात हो कि साल 2004 से लेकर 2014 तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एनएसी की अध्यक्ष थीं।

सिफारिशें न चाहकर भी लागू की गईं

फाइल के आधार पर दावा किया गया कि यूपीए सरकार एनएसी के इशारों पर चल रही थी। एनएसी किसी भी अफसर को 2 मोती लाल नेहरू प्लेस में बने ऑफिस में हाजिर होने का ऑर्डर जारी कर देती थीं। मंत्रियों को लैटर लिखकर उनसे रिपोर्ट मांगी जाती थी। खबर में ये भी दावा किया गया है कि फाइलों से मिली जानकारी के मुताबिक मनमोहन सरकार के पास ऑर्डर मानने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। परिषद की सिफारिशों को लागू कर दिया जाता था। बता दें कि यह सिर्फ इस परिषद का काम सरकार को सलाह देना है। सरकार सिफारिश मानने के लिए बाध्य नहीं है।

चुनावों में परेशान की सबब बनेंगी फाइलें

ये फाइलें पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के लिए परेशान का सबब बन सकती हैं। मोदी सरकार इन फाइलों को जनता के सामने चुनावों में पेश कर सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा समेत आम आदमी पार्टी जनता के बीच ये मुद्दा लेकर कांग्रेस पर हमले कर सकती है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस चुनाव प्रचार में बैकफुट पर चली जाएगी। उसे बड़ा नुकसान हो सकता है।

कांग्रेस ने खारिज किए आरोप

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ये फाइलें जिस समय की हैं, उस समय सोनिया गांधी सलाहकार परिषद की अध्यक्ष नहीं थीं। मार्च 2006 से लेकर जून 2010 तक उनका इससे कोई रिश्ता नहीं था। सुरजेवाला ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सलाहकार परिषद को कानूनी रूप देने का सुझाव दिया था। दरअसल, पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के मौके पर यह सवाल मनमोहन सिंह से पूछा गया था। लेकिन जवाब सुरजेवाला ने दिया।

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