
दिल्ली में भी निपाह का रेड-अलर्ट! रेलवे ने जारी किए विशेष निर्देश
नई दिल्ली। केरल में फैले लाइलाज निपह वायरस का खतरा अब दिल्ली-एनसीआर में भी नजर आ रहा है, जिसके चलते दिल्ली और आसपास के इलाके में अलर्ट जारी किया गया है। खासकर केरल से आने वाली ट्रेनों पर रेलवे अधिकारियों की ओर से विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रेलवे ने केरल से आने वाली सभी तरह की दैनिक और साप्ताहिक ट्रेनों के लिए हाई अलर्ट जारी करते हुए निर्देश दिया है कि अगर इन गाड़ियों में से किसी के तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिले तो तुरंत उसका इलाज कराया जाय।
हर मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश
इसके अलावा रेलवे ने डॉक्टरों की टीम को भी हर तरह की सावधानी बरतने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने डॉक्टरों को निपह वायरस से जु़ड़ी हर तरह की जानकारी जैसे संक्रमण के लक्षणों व ऐसे मरीज के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया है। रेलवे ने ये भी निर्देश दिया है कि इस तरह के हर मामले को गंभीरता से लें और इससे जुड़ी छोटी-बड़ी हर सूचना रेलवे प्रशासन को दें।
केरल से आने वाली चीजों का सावधानी से हो उपयोग
एक्सपर्ट्स ने कि लोगों को बचाव के लिए केरल से आ रहे हैं खाने-पीने की वस्तुओं के उपयोग में भी सावधानी बरतने के लिए कहा है। उनका सुझाव है की वहां से आने वाले केले, खजूर और आम अच्छे से धोकर खाएं। गौरतलब है कि रमजान के महीने में खजूर सबसे ज्यादा खाए जाते हैं। इसके अलावा दिल्ली में केले और आम भी केरल से मंगाए जाते हैं।
दिल्ली के अलावा 5 राज्यों में अलर्ट जारी
दिल्ली के अलावा जिन राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है उनमें कश्मीर, गोवा, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना शामिल हैं। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के नाहन गांव के एक सरकारी स्कूल परिसर में चमगादड़ों का शव मिला है। एक साथ स्कूल में इतने चमगादड़ों की मौत को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। पूरे राज्य में निपहको लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। । अभिभावकों से भी बीमार बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की सलाह दी गई है। स्कूल के आसपास के लोग बताते हैं कि पेड़ पर कई वर्षों से चमगादड़ रहते हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग के डीसी ने कहा कि क्षेत्र में किसी तरह का वायरस नहीं फैला है। चमगादड़ों की मौत किसी भी संक्रमण की वजह से नहीं है। हालांकि मौत की असली वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।
कैसे करें खुद का बचाव
- निपह से पीड़ित व्यक्ति से पास न जाएं।
- इस वायरस से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव और कपड़ों से दूर रहें।
- इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए खजूर और उसके पेड़ से निकलने वाले फल और रस का उपयोग न करें।
- गिरे हुए फल नहीं खाने चाहिए। - बीमार सुअर, घोड़े और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- जानवरों के संपर्क में आने से पहले खुद को सुरक्षित कर लें। - तेज बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए, घरेलू उपचार में समय बर्बाद न करें।
20 साल पहले हुआ था पहला हमला
दुनिया में पहली बार निपह वायरस का हमला 1998 में हुआ था। 20 साल पहले मलेशिया के कांपुंगा सुंगई निपह में ये मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ये बीमारी सुअरों के जरिए फैली थी।
Published on:
26 May 2018 12:24 pm
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