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निर्भया केस : दोषी अक्षय ठाकुर का शव पहुंचते ही गांव में पसरा सन्नाटा, नौ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

Nirbhaya Accused Akshay Thakur Funeral : फांसी होने से एक दिन पहले ही दोषी अक्षय के परिजन पहुंच गए थे दिल्ली औरंगाबाद स्थित करमा लहंग गांव में हुआ अक्षय का दाह संस्कार

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Nirbhaya Accused Akshay Thakur Funeral

नई दिल्ली। निर्भया सामुहिक दुष्कर्म (Nirbhaya Case) मामले में चारों आरोपियों को फांसी दिए जाने के बाद उनके शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। इससे पहले दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डेड बॉडीज (dead bodies) का पोस्टमार्टम किया गया था। दोषी अक्षय ठाकुर (Akshay Thakur) का शव भी शनिवार की सुबह औरंगाबाद स्थित उसके गांव पहुंचा। इसी के साथ पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। अक्षय के अंतिम संस्कार के दौरान उसके नौ साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।

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अक्षय को जिस दिन फांसी (fasi) होनी थी उससे एक दिन पहले ही अक्षय की पत्नी पुनीता कुमारी, भाई और अन्य परिजन दिल्ली पहुंच चुके थे। फांसी के बाद कागजी कार्रवाई पूरे कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया था। परिजन अक्षय का शव एंबुलेंस में लेकर औरंगाबाद जिले के करमा लहंग गांव पहुंचे। यहां धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ अक्षय का अंतिम संस्कार (funeral) कर दिया गया। बताया जाता है कि फांसी होने की खबर के बाद से ही दोषी के गांव में सन्नाटा पसर गया था। यहां किसी ने अपने घरों के चूल्हे तक नहीं जलाएं।

मालूम हो कि 16 दिसंबर 2012 की रात में दिल्‍ली में एक फिजियोथिरेपिस्‍ट युवती निर्भया (काल्‍पनिक नाम) का चलती बस में सामूहिक दुष्‍कर्म किया गया था। उस दौरान पीड़िता बुरी तरह से घायल हो गई थी। उसका दिल्ली के ही एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन शरीर में इंफेक्शन के ज्यादा फैलने से उसे बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेज दिया था। डॉक्टरों ने उसे बचाने की काफी कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए और उसने जिंदगी की जंग में हार गई।