
निर्भया मामले में राष्ट्रपति ने कायम किया नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले ( Nirbhaya case) में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ramnath Kovind ) ने हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका ( Mercy petition ) को शुक्रवार को खारिज कर दिया है। खास बात यह है कि राष्ट्रपति ने इस मामले में जिस गति से कार्रवाई की वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग के फैसले के बाद अब दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं। इस बीच दिल्ली की अदालत ने नया डेथ वारंट ( Death Warrant ) जारी किया है, जिसके मुताबिक अब एक फरवरी की सुबह छह बजे सभी चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।
दरअसल, चार दिन पहले ही निर्भया के दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दायर की थी। मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से मौत की सजा के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज करने के कुछ घंटों बाद मंगलवार को दया याचिका में भेज दी थी।
ऐसे बना रिकॉर्ड
मंगलवार को याचिका भेजे जाने के बाद बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दोपहर में दोषी विनय की दया याचिका खारिज किए जाने की घोषणा की। इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के कायार्लय को भेजा था। अगले 24 घंटे में इसे गृह मंत्रालय को भेजा गया।
गृहमंत्रालय ने की सिफारिश
गृह मंत्रालय ने गुरुवार रात को ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका की फाइल भेजी थी और उसे खारिज करने की सिफारिश की। फिर शुक्रवार की सुबह ही राष्ट्रपति कोविंद का आदेश गृह मंत्रालय पहुंच गया।
इससे पहले 42 दिन का बना रिकॉर्ड
दया याचिकाओं को हैंडल करने वाले अधिकारियों की मानें तो चार दिनों के भीतर यह फैसला अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
इससे पहले 42 दिनों में दया याचिका की प्रक्रिया पूरी होने का रिकॉर्ड था। 42 दिनों का पिछला रिकॉर्ड 1996 में राजस्थान के किसान राम चंदर की ओर से दायर दया याचिका पर था।
इस मामले में लगे इतने दिन
निर्भया मामले के अलावा 2012 में आतंकी अजमल कसाब की दया याचिका पर 54 दिनों में फैसला आया था। कसाब मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था।
Published on:
18 Jan 2020 02:04 pm
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