
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस ( Nirbhaya Gang Rape Case ) में पटियाला हाउस कोर्ट ( Patiala House Court ) ने नया डेथ वारंट ( Death Warrant ) जारी कर दिया है। निर्भया के दोषियों को अब अगामी 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी। कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ( Asha Devi ) ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बार सभी दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा। लेकिन, फांसी की नई तारीख एक बार फिर टल सकती है। दरअसल, निर्भया के दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार नई चाल चल रहे हैं। हालांकि, सभी दोषियों के सारे विकल्प खत्म हो गए हैं। लेकिन, दोषी पवन और अक्षय के पास कुछ विकल्प बचे हुए हैं।
नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि आखिर इन्हें कितनी बार फांसी दोगे। उन्होंने कहा कि आज चौथा डेथ वॉरंट जारी हुआ है। 2013 में चारों दोषियों को फांसी दी गई। फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फांसी दी। इसके बाद पुनर्विचार याचिका में चारों गुनहगारों को फांसी दी गई। फिर क्यूरेटिव पिटिशन जब खारिज हुई तब फांसी दी गई। दया याचिका खारिज हुई तब फांसी दी गई। एपी सिंह ने कहा कि तीन बार और फांसी दे चुके हैं। लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि आप कितनी बार फांसी देंगे? उन्होंने कहा कि अक्षय के पास अभी कानूनी विकल्प बचा है, लेकिन वह बिल्कुल चुप है। वकील एपी सिंह ने यहां तक कहा कि कोर्ट में हमें कहा जा रहा है कि आप आगे से खेल रहे हैं। इसका मतलब मुझे डराया जा रहा है।
इतना ही नहीं दोषी पवन भी अपने अन्य साथियों की तरह फिर एक कानूनी दांव चल सकता हैं। पवन की दया याचिका भी खारिज हो चुका है। दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का वक्त मिलता है। वहीं पवन के पास एक विकल्प बचा है। दया याचिका ठुकराए जाने के खिलाफ पवन सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। निर्भया के पिता ने भी कहा कि पवन गुप्ता के पास बस ये विकल्प बचा हुआ है। इधर, अक्षय ने भी नई दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी है, जिसके पीछे दलील दी गई है कि पहली दया याचिका में पर्याप्त तथ्य नहीं थे। कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान जिसका जिक्र अक्षय के वकील एपी सिंह ने किया था। ऐसा माना जा रहा है कि इन सब कारणों से फांसी में एक बार फिर अडंगा लगा सकता है। इधर, निर्भया केस में ही 23 मार्च को केन्द्र सरकार की याचिका पर दोपहर तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि अगर फांसी हो जाती है कि कानून पर हम विचार करेंगे। गौरतलब है कि केन्द्रर सराकर की याचिका में दोषियों को अलग-अलग फांसी देने पर सुनवाई होनी है? अब देखना यह है कि 20 मार्च को निर्भया के दोषियों को फांसी होती है या फिर कोई और नई तारीख मुकर्रर होगी?
Updated on:
06 Mar 2020 07:41 am
Published on:
05 Mar 2020 04:48 pm
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