
नई दिल्ली। एक तरफ केन्द्र व राज्य सरकारें 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के सूत्र को सार्थक करने में लगी हैं तो दूसरी ओर वडोदरा में राजस्थान की बेटी निशिता राजपूत इस नेक काम को आगे बढ़ा रही हैं। दानदाताओं के सहयोग से निशिता 10 वर्ष में 34 हजार 500 छात्राओं की स्कूल फीस के तौर पर 3 करोड़ 80 लाख रुपए जमा करवा चुकी हैं। पिछले वर्ष महामारी काल में उन्होंने स्कूलों में फीस के 55 लाख जमा करवाए। 10 वर्ष पहले उन्होंने 151 छात्राओं की फीस जमा कराने की शुरुआत की थी। जैसलमैर के बडोडा गांव की रहने वाली निशिता कहती हैं कि इस कार्य में गुजरात के अलावा देश-विदेश के दानदाता दिल खोलकर सहयोग कर रहे हैं।
ऐसे जुटाती हैं चंदा
दानदाताओं से एक-एक हजार रुपए के चेक लेकर स्कूलों में फीस के तौर पर जमा करवाती हैं। चेक मिलने के बाद निशिता लाभार्थी बच्चियों के फोटो, परीक्षा परिणाम की फोटो कॉपी, बच्चियों के माता-पिता की जानकारी, चेक की फोटो कॉपी भी दानदाताओं को उपलब्ध करवाती हैं। ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मेधावी छात्राओं की करती हैं पूरी मदद
निशिता के अनुसार मेधावी छात्राओं की वह पूरी मदद करतीं हैं। ऐसी छात्राओं को स्कूल बैग, नोट बुक, पानी की बोतल, गौरी व्रत के समय सूखे मेवे, दिवाली पर नए कपड़े उपलब्ध करवाती हैं। निशिता राजपूत अब तक 34 हजार 500 छात्राओं के लिए 03 करोड़ 80 लाख रुपए की स्कूल फीस जमा करवा चुकी है। इनमें से 55 लाख रुपए गत वर्ष ही जमा करवाए थे। हाल ही कक्षा 10वीं व 12वीं की मेधावी छात्राओं को मोबाइल फोन भेंट किए।
बुजुर्ग व दिव्यांगों की भी सहायता
निशिता महिला सशक्तीकरण के लिए गरीब महिलाओं को प्रतिवर्ष सिलाई मशीनें भेंट करती हैं। अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए नि:शुल्क टिफिन भिजवाती हैं तथा दृष्टिहीन-दिव्यांगों को भी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाती हैं।
Updated on:
18 Jun 2021 05:50 pm
Published on:
17 Jun 2021 01:21 pm
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