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अफसर या डकैत: मोटी तनख्वाह और भारी भरकम भत्तों से भी नहीं भरा पेट, गरीबों का पैसा भी हड़प लिया

Highlights. प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अफसरों ने जमकर की मनमानी, धीरे-धीरे सामने आ रही हैं करतूतें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में करीब 110 करोड़ का घपला, तमिलनाडु में लगभग 5 लाख किसानों के खाते में भेजे 6-6 हजार रुपए सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना में देशभर में 25 बड़े अफसरों के खिलाफ चल रही जांच, 2 हो चुके हैं गिरफ्तार

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Ashutosh Pathak

Nov 02, 2020

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नई दिल्ली।

मध्यप्रदेश के बाद तमिलनाडु में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) सरकारी नुमाइंदों की जेबें भरने का जरिया बन चुकी है। इस मामले में देशभर में करीब 25 अधिकारियों पर जांच चल रही है और दो की गिरफ्तारी हुई है। दूसरी ओर 110 करोड़ से ज्यादा के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना घोटाले की परतें धीरे-धीरे उधड़ रही हैं।

तमिलनाडु में 5 लाख से ज्यादा अपात्र किसानों के खातों में 6 हजार की वित्तीय मदद भेजी जा चुकी है और 100 से ज्यादा की गिरफ्तारी हुई है। पूरे देश में दोनों घोटालों में ऐसे लोग योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं, जो पात्र ही नहीं हैं। तमिलनाडु के पंचायत सचिव तथा अपात्र लोग केंद्र पोषित इस आवासीय योजना को फायदे का सौदा बता रहे हैं। लोगों का आरोप है कि अधिकारी कुल आवंटित मकानों में से 50 फीसदी में पैसों की चोरी कर रहे हैं। इसी तरह किसान सम्मान निधि योजना का लाभ थोक के भावों में गैर किसानों ने उठाया। इस योजना के तहत किसानों को सालाना छह हजार रुपए का भुगतान होता है।

सिर्फ कागजों में बने कई मकान

तिरुवारूर जिले के तलयमंगलम गांव में अधिकारियों ने PMAY के तहत 275 मकान निर्माण का दावा किया है। कई मकान सिर्फ कागजों में ही बने हैं। पुदुकोट्टै की 35 ग्राम पंचायतें इन घोटालों में शामिल हैं। इसी प्रकार तिरुवण्णामलै जिले के जवाधु हिल्स में 353 अयोग्य आवेदकों को आवंटन का मामला प्रकाश में आया है और 60 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

अधिकारी व पंचायत सचिव ने किया खेल

लोगों का कहना है, जब PMAY योजना का वित्तीय क्रियान्वयन अधिकारी व पंचायत सचिव करते थे, तब खूब घोटाले हुए। बैंक अधिकारियों ने खातों को नहीं जांचा। 4 हजार लोगों ने 25 हजार की राशि उठा ली।

कर्नाटक: मकान बनाने में ही घोटाला

प्रधानमंत्री आवास योजना व अन्य योजनाओं के तहत मकान बनाने में ही घोटाले प्रकाश में आए हैं। मकान इतनी निम्न क्वालिटी के बनाए जा रहे हैं कि 30-40 फीसदी कम कीमत पर भी इनके खरीदार नहीं हैं।

मध्यप्रदेश व यूपी: यहां भी हुए घोटाले

मध्यप्रदेश के रतलाम में 2019 में पीएम आवास योजना के तहत घोटाला प्रकाश में आया था। कई अधिकारियों पर जांच चल रही है। मप्र व यूपी में पीएम किसान सम्मान निधि घोटाला उजागर हुआ। हजारों पात्र किसानों की राशि अपात्रों के खाते में डाल दी।

बंगाल: कमीशन का बड़ा खेल

पश्चिम बंगाल में भी पीएम आवास योजना का लाभार्थियों को लाभ दिलाने के लिए कटमनी (कमीशन) कई चरणों में लेते हैं। लाभार्थी के हिस्से में 50% राशि ही आती है। प. बंगाल में करीब 50 अधिकारी और बाबू जांच के घेरे में हैं जबकि करीब आधा दर्जन की गिरफ्तारी हो चुकी है।

गुजरात: 10 करोड़ का घोटाला

गुजरात के बनासकांठा में मनरेगा योजना के तहत 500 लोगों के नाम जॉब कार्ड में नहीं होने के बावजूद रकम दिलाई गई। यह 10 करोड़ से अधिक का घोटाला माना जा रहा है। अज्ञात अफसरों, कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। कई गांव के सरपंच, सचिव गिरफ्तार कर निलंबित किए गए हैं।


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