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अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे आईएएस फैसल के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला

सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे आईएएस ऑफिसर शाह फैसल के समर्थन में उमर अब्दुल्ला उतर आए है।

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जम्मू-कश्मीर: अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे आईएएस अधिकारी के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कश्मीर के पहले अधिकारी शाह फैसल के ट्वीट का समर्थन किया। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं फैसल को सही बताते हुए उमर अब्दुला ने बुधवार को ट्वीट किया है। बता दें कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की फैसल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के बाद राज्य प्रशासन ने 2010 के आईएएस टॉपर को नोटिस भेजा।

उमर अब्दुल्ला का ट्वीट

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मैं इस नोटिस को नौकरशाही के अति उत्साह में आकर उठाए गए मामले के रूप में देखता हूं। वे उस समय की भावना को समझ नहीं पा रहे हैं, जिसमें हम रह रहे हैं। 'उमर ने कहा ऐसा लगता है कि डीओपीटी ने प्रशासनिक सेवाओं से शाह फैसल को निकालने का मन बना लिया है। इस पेज की आखिरी पंक्ति चौंकाने वाली और अस्वीकार्य है जहां वे फैसल की 'सत्यनिष्ठा और ईमानदारी' पर सवाल उठाते हैं। एक व्यंग्यात्मक ट्वीट बेईमानी कैसे है? यह उन्हें भ्रष्ट कैसे बनाता है?"

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अपने बचाव में क्या कहा फैसल ने

वहीं, अपने बचाव में फैसल ने कहा, 'सरकारी कर्मचारियों को सरकारी नीति की आलोचना के लिए घसीटा जा सकता है, मैं इस बात से सहमत हूं। लेकिन, इस मामले में अगर आपको लगता है कि दुष्कर्म केवल सरकारी नीति का हिस्सा है तो आप मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं जिसे लेकर मुझे यकीन है कि यह सरकारी नीति नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि सरकारी कर्मचारी समाज में रहते हैं और वे समाज के नैतिक प्रश्नों से पूरी तरह से अलग-थलग नहीं रह सकते हैं। बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक पूरी तरह से अस्वीकार्य है।'

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क्या है मामला

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले शाह फैसल ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ‘पैट्रिआर्की + पॉपुलेशन + इलिट्रेसी + अल्कोहल + पोर्न + टेक्नोलॉजी + एनार्की = रेपिस्तान।’ बता दें कि केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट को ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट रूल्स), 1968 और ऑल इंडिया सर्विसेज (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1969 के खिलाफ माना है।


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