26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

31 की हुईं सानिया मिर्ज़ा, आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें…

15 नवंबर 1986 को जन्मी टेनिस प्लेयर सानिया मिर्ज़ा हुईं 31 की

3 min read
Google source verification

image

Ravi Gupta

Nov 15, 2017

Sania Mirza

भारत की टेनिस सनसनी से वर्ल्ड नं 1 बनीं टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा लगातार इतिहास रच रही हैं। 15 नवंबर 1986 को जन्मी इस भारतीय टेनिस स्टार ने दुनिया के सामने साबित किया कि अगर आप कड़ी मेहनत से नहीं घबराते तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। लगातार दो साल से डब्ल्स नं वन प्लेयर सानिया मिर्जा जिंदगी में आई सभी चुनौतियों के बावजूद वर्ल्ड चैंपियन बनीं। दुनिया की सभी लड़कियों की रोल मॉडल, सानिया मिर्जा लगातार मैच का साथ सभी के दिलों को भी जीत रही हैं।

छह साल की उम्र में थामा था रैकेट
सानिया मिर्जा का जन्म मुंबई में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद के एनएएसआर स्कूल में हुई। हैदराबाद के ही सेंट मैरी कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई पूरी की। सानिया के पिता इमरान खेल रिपोर्टर थे और मां नसीमा मुंबई में प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़ी एक कंपनी में काम करती थीं। सानिया का बचपन पारंपरिक मुस्लिम खानदान में गुजरा। सानिया को कामयाब बनाने में उनके पिता का अहम योगदान है। हैदराबाद के निजाम क्लब में सानिया ने छ्ह साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। महेश भूपति के पिता और भारत के सफल टेनिस प्लेयर सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली। पैसे की कमी के चलते सानिया के पिता ने कुछ बड़े व्यापारिक समूहों से स्पॉन्सरशिप ली। हैदराबाद से शुरुआत के बाद सानिया अमेरिका की टेनिस अकेडमी भी गईं।

17 साल में बनीं विंबलडन चैंपियन
सानिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर की। उस समय वो सिर्फ 14 साल की थीं। उसके बाद उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया और सफलता भी पाई। 2003 में उनके करियार में अहम मोड़ आया जब वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद उन्होंने जूनियर विंबलडन में डबल्स में जीत हासिल की।

सानिया की उप्लभ्धियाँ
2007 में सानिया की एकल में अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 27 तक पहुंच गई थी जो किसी भी भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी। 2006 में दोहा में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने लिएंडर पेस के साथ मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता। महिलाओं के एकल मुकाबले में दोहा एशियाई खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता। 2009 में उन्होंने महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का मिक्स डबल्स खिताब जीता। इसी के साथ वो ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। 2015 में सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने नंबर-1 की रैंकिंग हासिल की। इस साल उन्होंने अपनी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस के साथ ऑस्ट्रेलिया ओपन खिताब जीता। वो नंबर वन टेनिस रैंकिंग तक पहुंचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। वो पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से भारत की नंबर वन महिला टेनिस प्लेयर बनी हुई हैं।

16 साल की उम्र में 2004 में सानिया मिर्जा को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। महज 18 साल की उम्र में 2006 में 'पद्मश्री' से नवाजा गया। वो यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं। 2006 में ही सानिया को अमेरिका में वर्ल्ड टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का 'मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर' चुना गया। 2015 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और 2016 में पद्मा भूषण से नवाजा गया।