19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कृषि कानूनों का विरोध: आंदोलन तेज, आज दिल्ली-जयपुर हाइवे जाम

Highlights. - किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टोल फ्री कर उन पर कब्जा जमा लिया - चिल्ला बॉर्डर पर सरकार की ‘सद्बुद्धि’ के लिए यज्ञ और रामायण पाठ किया - जालंधर में सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेलर्स का शोरूम बंद करवा दिया  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Dec 13, 2020

far.jpg

नई दिल्ली.

केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने शनिवार से आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टोल फ्री कर उन पर कब्जा जमा लिया। टोल संचालकों को लोगों से टैक्स नहीं वसूलने दिया जा रहा। चिल्ला बॉर्डर पर सरकार की ‘सद्बुद्धि’ के लिए यज्ञ और रामायण पाठ किया। जालंधर में सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेलर्स का शोरूम बंद करवा दिया।

किसान दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने वाले थे, लेकिन अब ये रविवार के लिए टल गया है। एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने यह जानकारी दी। उधर, सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में किसानों ने सात दिन का अल्टीमेटम देकर जाम हटा लिया। भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इस दौरान आंदोलन खत्म करने पर सहमति बनी। बातचीत के बाद देर रात किसानों ने चिल्ला बॉर्डर जाम मुक्त कर दिया।

3500 पुलिसकर्मी तैनात
फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा के रास्तों में आने वाले 5 टोल प्लाजा पर 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। बदरपुर, गुरुग्राम-फरीदाबाद, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल, पाली क्रशर जोन और धौज टोल प्लाजा पर कड़ी निगरानी है।

माफी मांगे: बादल
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह बात केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उस बयान पर कही, जिसमें आंदोलन के माआवोदियों और वामपंथियों के हाथों में चले जाने की बात थी।

किसानों को और कितनी आहूति देनी पड़ेगी: राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि कृषि कानूनों को हटाने के लिए किसान भाइयों को और कितनी आहूति देनी होगी?

बातचीत से दूर होंगी समस्याएं: तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की समस्याएं और आशंकाएं केवल बातचीत से ही दूर हो सकती है। केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर किसानों को बैठकर बात करनी चाहिए और आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। केंद्र सरकार हर मुद्दे पर बातचीत करने और समाधान निकालने की हर कोशिश कर रही है।