scriptबोतलबंद मिनरल वाटर नहीं है ‘सुरक्षित’, व्यापक जांच के बाद खुलासा | Packaged mineral water not safe for drinking, Chennai food safety officials revealed after various check | Patrika News

बोतलबंद मिनरल वाटर नहीं है ‘सुरक्षित’, व्यापक जांच के बाद खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: May 09, 2019 11:35:13 am

बोतलबंद पानी भी आंख मूंदकर पीना है सेहत के लिए हानिकारक।
अधिकारियों ने 3500 से ज्यादा पानी की कैन का किया निरीक्षण।
न केवल अशुद्ध पानी बल्कि फर्जी ब्रांड लेबल भी लगाए जाते हैं।

बोतलबंद पानी

बोतलबंद पानी (फाइल फोटो)

चेन्नई। अगर आप भी आंख मूंदकर बोतलबंद ‘मिनरल वाटर’ पीते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए इन बोतलबंद मिनरल वाटर में से ज्यादातर में अशुद्ध पानी और इनके ऊपर मशहूर ब्रांड्स के फर्जी लेबल लगाए जाते हैं। यह खुलासा चेन्नई के सरकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने किया। इन अधिकारियों ने चेन्नई में वैन और मिनी ट्रकों पर लदकर जाने वाले तमाम बोतलबंद पानी की जांच की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन अधिकारियों ने कोयंबेडू मेट्रो रेल स्टेशन पर ‘मिनरल वाटर’ की ढेरों बोतलें ले जाने वाले तमाम वाहनों को रुकवाया। इसके बाद अधिकारियों ने इन बोलतबंद पानी की पुख्ता जांच की, जिसमें उन्हें पानी की गुणवत्ता में भारी फर्जीवाड़ा मिलने के साथ ही यह भी पता चला कि बोतलों के ऊपर उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने के लिए फर्जी लेबल भी लगाए गए थे।
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इस तरह कोलाथुर के रेट्टेरी सिग्नल और वेलैचेरी के विजय नगर बस स्टैंड पर भी अधिकारियों ने जांच की। इसमें भी अधिकारियों ने इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूशन (ISI), फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) प्रमाण, लेबल के साथ पानी की गुणवत्ता जांची।
पानी की बोतल
व्यापक जांच के बाद अधिकारियों ने FSSAI प्रमाण न होने पर 48 कैनों और पानी की गुणवत्ता में खामी के चलते 152 कैनों को जब्त किया। इसके अलावा लेबल न लगे होने के चलते 245 अन्य बोतलें भी जब्त की गई। अधिकारियों ने इस दौरान 35 वाहनों में कुल 3632 बोतलों की जांच की, जिसमें 649 बोतलों को जब्त किया गया। इसके साथ ही ढेरों बोतलों में मौजूद अशुद्ध पानी को सड़क पर फैला दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शहर में पानी की कमी के नाम पर यह लोग उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से न खेल सकें, इसके लिए नियमित अंतराल पर जांच की जाएगी।
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थिरुवनमियुर की एक गृहणी ने मीडिया को बताया, “कई बार ऐसा होता है कि पानी देने वाले आमतौर पर 20-25 रुपये में मिलने वाली बोतल के लिए 50 रुपये वसूलते हैं। दाम के अलावा यह लोग इन बोतलों में अशुद्ध पानी भरकर इसे मिनरल वाटर के नाम पर बेचते हैं।”
सबसे अच्छा उपाय

अधिकारियों की मानें तो अशुद्ध पानी तमाम बीमारियों को जन्म देता है। ऐसे में पानी की शुद्धता को लेकर सजग रहना बहुत जरूरी है। हालांकि पानी सप्लाई करने वाले इस तरह से बोतलों की पैकेजिंग और मार्केटिंग करते हैं कि अच्छे-अच्छे धोखा खा जाएं। ऐसे में शुद्ध पानी पीने का सबसे अच्छा तरीका है कि नलों से आने वाले पानी को अच्छी तरह उबाल लें और फिर ठंडा करके पीएं।
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