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पद्मावती विवाद पर भंसाली को संसदीय समिति ने घेरा, इन सवालों पर हो गई बत्ती गुल

पद्मावती फिल्म को लेकर जारी विवाद पर संसदीय समीति ने संजय लीला भंसाली को कई सवालों पर घेर लिया। समीति ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया

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Chandra Prakash Chourasia

Nov 30, 2017

Padmavati Row

नई दिल्ली। पद्मावती फिल्म को लेकर जारी विवाद पर संसद की दो समितियों ने गुरुवार को सुनवाई की। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली आईटी मामलों की संसदीय समिति के सामने पेश हुए। संसदीय समिति ने भंसाली के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। समिति के कई सवालों के जवाब देने में भंसाली को पसीने तक छूट गए। दो घंटे से ज्यादा चली इस पूछताछ में भंसाली कई सवालों का जवाब नहीं दे पाए हैं। समिति ने भंसाली को सवालों की सूची सौंपकर दो हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है। भंसाली को पूछताछ के लिए दोबारा भी बुलाया जा सकता है।

संसदीय समीति ने भंसाली को इन सवालों से घेरा
- संसदीय समिति ने भंसाली के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। समिति ने भंसाली से पूछा है कि फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी से पहले चुनिंदा मीडिया में क्यों दिखाया गया।


- भंसाली ने समिति के सामने सफार्ई दी कि फिल्म एक कविता पर आधारित है और किसी ऐतिहासिक घटना पर आधारित नहीं है।


- इस पर समिति ने पूछा है कि एक तरफ फिल्म को काल्पनिक कहा जाता है और दूसरी तरफ फिल्म का नाम और उसके पात्रों का वही नाम है जो इतिहास में दर्ज शख्सियतों का है। ऐसा कैसे संभव हो सकता है।

- समिति ने कहा है कि जौहर सती प्रथा है। जिस पर रोक है। इसको क्या फिल्म में दिखाया जा सकता है।


इस सवाल पर चुप हो गए भंसाली
समिति ने पूछा है कि सेंसर बोर्ड में 11 नवंबर को मंजूरी के लिए आवेदन दिया और फिल्म की रिलीज एक दिसंबर रख दी। आखिर उन्होंने कैसे सोच लिया कि सेंसर बोर्ड फिल्म को इतनी जल्दी मंजूरी मिल जाएगी, जबकि फिल्म को लेकर एक साल से विवाद चल रहा है।


फिल्म की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति बनाई : जोशी
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म के संवेदनशील विषय को देखते हुए कुछ विशेषज्ञों का पैनल बनाया गया है। जो सभी पहलुओं पर विचार करेगी। उन्होंने दोनों समितियों को कहा कि अभी उन्होंने खुद फिल्म नहीं देखी है। फिल्म को प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया जारी है।

याचिका समिति के तीन सदस्यों ने की फिल्म बैन की मांग
लोकसभा की याचिका समिति में भाजपा सांसद ओम बिड़ला, सीपी जोशी और शिवसेना सांसद राजन विचारे ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने फिल्म के प्रोमो पर भी रोक लगाने की मांग की।

कांग्रेस ने बताया अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
सूत्रों के मुताबिक पैनल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भाजपा सदस्यों का विरोध जताया। टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने सवाल उठाया कि जब फिल्म को मंजूरी नहीं मिली है तो किस चीज पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। याचिका समिति में कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि फिल्म पर बैन लगाने की मांंग अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। संसदीय समीति के अलावा भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता वाली लोकसभा की याचिका समिति के सामने भी प्रसून जोशी पेश हुए।


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