सीमा मे अंदर घुस आए थे 6 आतंकी
20 वर्षीय लश्कर आतंकी जबीउल्लाह के मुताबिक हथियारों से लैस होकर अपने पांच और साथियों के साथ वो भारत में घुसने का प्रयास कर रहा था। कुपवाड़ा बॉर्डर की तरफ से उन्हें भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठ करने में सफलता भी मिली। लेकिन सुरक्षा बलों पर हमले को अंजाम देने से पहले 20 मार्च को कुपवाड़ा जिले के जुग्गीयाल गांव में उनकी मुठभेड़ सुरक्षा बलों से हो गई। इसमें उसके पांचों साथी मारे गए, लेकिन वह भाग निकला था। इस मुठभेड़ में तीन सैन्यकर्मी और दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
20 वर्षीय लश्कर आतंकी जबीउल्लाह के मुताबिक हथियारों से लैस होकर अपने पांच और साथियों के साथ वो भारत में घुसने का प्रयास कर रहा था। कुपवाड़ा बॉर्डर की तरफ से उन्हें भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठ करने में सफलता भी मिली। लेकिन सुरक्षा बलों पर हमले को अंजाम देने से पहले 20 मार्च को कुपवाड़ा जिले के जुग्गीयाल गांव में उनकी मुठभेड़ सुरक्षा बलों से हो गई। इसमें उसके पांचों साथी मारे गए, लेकिन वह भाग निकला था। इस मुठभेड़ में तीन सैन्यकर्मी और दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
6 अप्रैल को जबीउल्लास हुआ था गिरफ्तार
पाकिस्तान में मुल्तान के मेहमूद कोट निवासी जबीउल्लाह ने एनआईए को बताया कि भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में उसके पांच आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों में लाहौर निवासी दारदा (22), मुल्तान निवासी शूरम (26), गुजरावालां निवासी फैदुल्लाह (20), सिंध निवासी उमर (19) और पेशावर निवासी कारी (19) थे। मुठभेड़ में मारे गए इन आतंकियों की पहचान उस समय नहीं हो पाई थी। 20 मार्च को ही इस मामले की एफआइआर दर्ज की गई थी। छह अप्रैल को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से भाग निकले जबीउल्लाह को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 17 अप्रैल को एनआइए ने यह मामला अपने हाथों में ले लिया था। जबीउल्लाह को पांच मई को जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 10 दिन की एनआइए हिरासत में भेज दिया था। इस बात एनआईए से बातचीत में उसने पाक समर्थित आतंकी संगठनों की मंशा का खुलासा गया था।
पाकिस्तान में मुल्तान के मेहमूद कोट निवासी जबीउल्लाह ने एनआईए को बताया कि भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में उसके पांच आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों में लाहौर निवासी दारदा (22), मुल्तान निवासी शूरम (26), गुजरावालां निवासी फैदुल्लाह (20), सिंध निवासी उमर (19) और पेशावर निवासी कारी (19) थे। मुठभेड़ में मारे गए इन आतंकियों की पहचान उस समय नहीं हो पाई थी। 20 मार्च को ही इस मामले की एफआइआर दर्ज की गई थी। छह अप्रैल को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से भाग निकले जबीउल्लाह को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 17 अप्रैल को एनआइए ने यह मामला अपने हाथों में ले लिया था। जबीउल्लाह को पांच मई को जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 10 दिन की एनआइए हिरासत में भेज दिया था। इस बात एनआईए से बातचीत में उसने पाक समर्थित आतंकी संगठनों की मंशा का खुलासा गया था।