नई दिल्लीPublished: Feb 22, 2021 08:54:14 am
विकास गुप्ता
- अपनी ही सम्पत्ति के लिए बेलने पड़े पापड़।
- खुद खंगालने पर नहीं मिले कागजात ।
लखनऊ। 38 साल लंबी लड़ाई। कोर्ट-कचहरी के लंबे चक्कर। मुकदमेबाजी में लाखों खर्च। अरबों की संपत्ति के वारिस निराश हो चुके थे। फिर अंतिम हथियार के रूप में सूचना के अधिकार का प्रयोग किया गया। महज दस रुपए के खर्च पर सिर्फ दस माह के भीतर एक अरब की संपत्ति का स्वामित्व मिल गया।