इनाम रखते ही पकड़ ली गई यमुना एंक्लेव सोसाइटी (Yamuna Enclave Society) ने इसे पकड़ने के लिए सोनीपत से भी टीम बुलाई पर यह टीम भी नाकाम साबित हुई। नगर निगम की टीम 18 बार बार प्रयास कर चुकी मगर वो इसे पकड़ नहीं पाई, लेकिन जैसे ही इस पकड़ने के लिए 12 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया तो टीम ने इस पकड़ने में जरा सा भी समय नहीं लगाया और तुरंत ही पकड़ लिया गया। 12 हजार रुपए का इनाम रखते ही नगर निगम के 10 से ज्यादा कर्मचारी कुतिया काे पकड़ने काे पहुंच गए। यमुना एन्क्लेव वासियाें का कहना है कि इससे पहले आग्रह करने पर काेई नहीं आया।
दूध में मिलाई गई नशीली दवा जानकारी के मुताबिक फीमल डॉग को पकड़ने काे सुबह 9 बजे ही नगर निगम के 10 कर्मचारी, एन्क्लेव के 8 सफाई कर्मचारी चाैकीदार और समिति पदाधिकारियाें समेत 22 लाेग यमुना एंक्लेव सोसाइटी पहुंच गए। जानवर को फंसाने के लिए एक कटोरी में दूध भी रखा। दाेपहर 12 बजे तक भी हाथ नहीं लगी। प्रधान नरेंद्र घणघस के मुताबिक फीमेल डॉग काे काेई नुकसान ना हाे, इसलिए इसे पकड़ने काे दूध में नशीली दवा मिलाई गई। कटोरी में डाला दूध पीकर भी बेहाेश नहीं हुई और भाग निकली।
मंगलवार को पकड़ी गई यमुना एंक्लेव में रहने वाले लोगों को इस जानवर से मंगलवार शाम को मुक्ति मिल गई। ऊझा के 10 युवाओं ने यह राहत दी है। अंसल निवासी एचएस संधू व जेपी गुप्ता ने बताया कि इसे पकड़वाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। बहुत लोगों ने प्रयास भी अच्छे किए। इस जानवर ने लोगों का घरों से निकलना ही मुश्किल कर दिया था।
पंचायती जमीन में छुड़वाया गया प्रधान नरेंद्र घणघस के मुताबिक फीमल डॉग के आंतक से बच्चे बुढ़े सब परेशान थे। लोग सैर करने या जरूरी काम के लिए भी नहीं जा पा रहें थे। इसे पकड़ने के बाद ऊझा टीम के साथ खुद छुड़वाने के लिए गए। घरोंडा से आगे पंचायती जमीन में फीमेल डॉग को छुड़वाया गया। उसे छोड़ने वाली जगह पर खाने पीने की चीजे भी रखवाई गई ताकि उसे किसी तरह की कोई परेशानी न हो।