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पत्रिका के इंटरनेट पोल में 90 फीसदी यूजर्स की राय – कोरोना से निपटने में मोदी सरकार अमरीका से भी बेहतर

ट्रंप प्रशासन ने शुरु में कोरोना संकट की गंभीरता को नहीं समझा भारत में कोरोना फैलने की शुरुआत में ही लॉक डाउन लगाया गया इंटरनेट यूजर्स - कोरोना पर भारत की नीति अमरीका से बेहतर

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Migrant labourers compelled to take shelter below bridges.

Migrant labourers compelled to take shelter below bridges.

दिल्ली।कोरोना वायरस ( Corona virus ) अमरीका में करीब 26 हजार लोगों की जान ले चुका है। हररोज़ डेढ़ से दो हजार कोरोना मरीज़ दुनिया के सबसे ताकतवर और विकसित देश में दम तोड़ रहे हैं।कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) से दो देशों में हो रही मौतों की तुलना करना ठीक नहीं है। लेकिन कोरोना से हो रही तबाही की विकरालता का अंदाज़ा लगाने के लिए अमरीका और भारत की तुलना करना गलत नहीं होगा। आज पत्रिका के इंटरनेट पोल में सोशल मीडिया यूजर्स से पूछा गया कि क्या कोरोना से मुक़ाबले की मोदी सरकार की रणनीति ट्रंप प्रशासन से बेहतर है? यूजर्स ने भारी संख्या में इस पोल में भाग लेकर अपनी राय साझा की।

कोरोना संकट: भारतीय सतर्कता बनाम अमरीकी रणनीति

कोरोना वायरस ( corona virus ) ने वुहान से फैलकर जब अमरीका में लोगों को बीमार करना शुरु किया, तो अमरीका के राष्ट्रपति ने हालात को गंभीरता से नहीं लिया। कोरोना को कोई मौसमी फ्लू की बीमारी जैसा समझ लिया गया। हो सकता है कि ट्रंप प्रशासन को यह विश्वास रहा हो कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले देश में कोरोना का इलाज जल्द निकाल लिया जाएगा। इसके उलट भारत कोरोना वायरस की आहट से ही सतर्क हो गया। भारत में कोरोना से संक्रमित मरीज़ों की संख्या ने पांच सौ का आंकड़ा ही पार किया था, तभी देश में पहले जनता कर्फ्यू और फिर 21 दिनों का लॉक डाउन लागू कर दिया गया। इससे भारत में संक्रमण अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के मुक़ाबले काफ़ी धीमी गति से फैला।

मंडराता कोरोना का खतरा और मोदी सरकार

पीएम मोदी ( pm modi ) की सरकार को यह बात शुरू से ही अच्छी तरह पता थी कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार देश में ज्यादा गहराई तक फैल गया, तो अपेक्षाकृत कमजोर मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से हम एक बड़ी तबाही को रोक नहीं पाएंगे। करीब 33 करोड़ की जनसंख्या वाले धनी अमरीका के मुक़ाबले 130 करोड़ की जनसंख्या वाले विकासशील भारत के सामने चुनौतियां ज्यादा विकराल रूप धारण कर लेंगी।यही वजह है कि मोदी सरकार ने लॉक डाउन का सख्ती से पालन किया। लेकिन लॉक डाउन ने देश में पलायन की भयंकर समस्या पैदा कर दी है। शहरों में रोज़गार खत्म होने के बाद हज़ारों-लाखों मजदूर और नौकरी-पेशा लोग अपने गांव जाने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर जमा होने को मजबूर हो गए। सैकड़ों लोग पुलों के नीचे आश्रय लेने को विवश हैं। लेकिन जान है, तो जहान है।

अधिकांश यूजर्स ने कहा, मोदी सरकार की नीति अमरीका से बेहतर

पत्रिका ने आज अपने इंटरनेट पोल में यूजर्स की राय जानने की कोशिश की कि क्या वे कोरोना महामारी का मुकाबला करने की मोदी सरकार की नीति को अमरीका की नीति से भी बेहतर मानते हैं? फेसबुक पर 89 प्रतिशत यूजर्स ने कोरोना संकट पर मोदी सरकार की नीति को बेहतर बताया, जबकि 11 फीसदी लोगों की राय इसके विपरीत थी। इसी तरह ट्विटर पर भी 90 फीसदी यूजर्स ने मोदी सरकार की रणनीति को ट्रंप प्रशासन की नीति से बेहतर बताया, जबकि केवल 10 प्रतिशत यूजर्स ने कहा कि ऐसा नही है। इंस्टाग्राम पर तो 100 फीसदी यूजर्स ने मोदी सरकार की रणनीति को ट्रंप प्रशासन की नीति से बेहतर बताया।


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