इस दौरान पुलिस ने अधिकतर वाहन चालकों ई पास न हो ने के कारण वापस लौटा दिया। किसानों को शहर में नहीं मिली एंट्री।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने सख्त लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया। वहीं झारखंड में कोरोना के मामले कमी के कारण सरकार ने एहतियात के तौर पर ई पास की व्यवस्था की है। झारखंड में 16 मई से लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत पाबंदियां लगाई हैं।
सभी के लिए ई पास जरूरी
घर के बाहर निकलने पर लगभग हर वर्ग के लिए ई पास को अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को छोड़ सभी के लिए ई पास जरूरी कर दिया गया है। इस कारण रविवार को ई पास बनवाने के लिए वेबसाइट पर होड़ लग गई। कई बार वेबसाइट क्रैश हुई। इससे लोगों को भारी परेशानी सामना करना पड़ा।
ई पास की व्यवस्था को बनाएं आसान
लोगों का कहना है कि रविवार शाम को ही वेबसाइट क्रैश होने लगी। साइट हैंग होने लगी। जरूरी काम के लिए घर से निकलने वालों ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की। उनका कहना है कि ई पास की व्यवस्था को आसान बनाया जाए। इसे जारी करने के लिए अन्य व्यवस्थाओं पर भी काम करना जरूरी है। इस प्रक्रिया के कारण किसानों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ी। किसान अपनी सब्जी लेकर शहर नहीं पहुंच सका। ई पास न मिलने के कारण उन्हें लौटा दिया गया।
वाहन चालकों को वापस लौटाया
स्वस्थ्य सुरक्षा सप्ताह को लेकर जिला पुलिस सुबह से मुस्तैद थी। मगर इस दौरान पुलिस ने अधिकतर वाहन चालकों को समझाकर लौटा दिया। कई वाहन चालकों से जुर्माने भी वसूला गया। इसके साथ वाहन चालकों को आगे से बिना ई पास के निकलने से मना भी किया।
मई माह में अब तक के सबसे कम आंकड़े
झारखंड में कोविड ( coronavirus in jharkhand ) से होने वाली मौतों में गिरावट देखने को मिली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड में बीते 24 घंटों के भीतर कोरोना की वजह से 65 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से मरने वालों की संख्या में यह मई माह में अब तक सबसे कम आंकड़ा बताया जा रहा है।