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केदारनाथ आपदा के समय मदद करने से रोका गया, धाम का भव्य पुनर्निर्माण शीघ्र- PM

मोदी ने कहा, शंकराचार्य के समाधि स्थल का भव्य निर्माण होगा, प्राकृतिक संसाधनों के सहारे उत्तराखंड को विकसित करने की योजना पर होगा काम

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pm in kedarnath

pm modi in kedarnath

केदारनाथ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में रूद्राभिषेक करने के बाद इसके पुनर्निर्माण की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन, प्राकृतिक चिकित्सा, ऑर्गेनिक फार्मिंग और जल संसाधन के विकास की असीमित संभावनाएं हैं जिसका दोहन कर राज्य का विकास किया जाएगा.
बिना नाम लिए ही कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में आयी त्रासदी के समय उन्हें पीड़ितों की मदद करने से रोक दिया गया जबकि इसके पहले तत्कालीन राज्य सरकार तैयार हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि वे गुजरात के घायलों की मदद करना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. उन्होंने गुजरात के लोगों को उनके नववर्ष की बधाई भी दी.

केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

केदारनाथ धाम में 2013 में आयी प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए PM मोदी ने कहा कि गुजरात के सीएम रहते हुए वे मारे गए लोगों के परिवारों, घायलों की पीड़ा को समझते हुए यहां आने से खुद को रोक नहीं सके थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने केदारनाथ में पीड़ितों की मदद करने के लिए वे उत्तराखंड आना चाहते थे. तत्कालीन सीएम से इसके संदर्भ में कहा था तो वे राजी भी हो गए. लेकिन जब दिल्ली में इस बात की खबर पहुंची तो उन्हें यहां आने और लोगों की मदद करने से रोक दिया गया था.

केदारनाथ में भव्य पुनर्निर्माण शुरू होगा

पीएम ने कहा कि आपदा झेल चुके केदारनाथ का दुबारा पुनर्निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं, पुजारियों, पुरोहितों और धार्मिक पर्यटन के यात्रियों, सबके लिए सुविधा का प्रबंध होगा. पुरोहितों को मिलने वाले मकान अब विशेष प्रकार के होंगे जिनमें खुद उनके रहने के आलावा उनके अतिथियों और यात्रियों को रुकने के लिए प्रबंध रहेगा. केदारनाथ धाम में पांच नई परियोजनाओं का शुभारम्भ होगा. इसमें सड़क मार्ग का उच्च स्तर की सुविधा के साथ चौड़ीकरण किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जो भी यात्री यहां आएं, उनके लिए मंदाकिनी की कल-कल करती स्वर लहरी उनके पास तक प्राकृतिक भाव में पहुंच सके, इस बात की व्यवस्था की जायेगी. सरस्वती नदी के घाट का भी दोबारा निर्माण होगा. भगवान आदि शंकराचार्य को याद करते हुए उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत से निकलकर एक नया संदेश देते हुए वे केदारनाथ आये और यहीं के होकर रह गए. उनका भव्य समाधि स्थल, जो आपदा के समय नष्ट हो गया था, को भी दोबारा पुनर्निर्माण किया जाएगा. यह अत्यंत भव्य होगा और केदारनाथ धाम के मुख मंदिर के सामान ही खूबसूरत होगा.
केदारनाथ के दोबारा निर्माण के लिए उन्होंने औद्योगिक जगत का पुनर्निर्माण में आने के लिए आमंत्रित किया.

प्राकृतिक सौंदर्य का रखेंगे ध्यान

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केदारनाथ के दोबारा पुनर्निर्माण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि यहां की प्राकृतिक खूबसूरती से कोई छेड़छाड़ न हो. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और केदारनाथ की प्राकृतिक विविधतता को बनाये रखते हुए आधुनिकतम विकास किया जाएगा जिससे नैसर्गिक सुंदरता के साथ-साथ विकास भी आगे बढे. उन्होंने कहा कि अगर हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, प्रकृति और पर्यावरण उनकी रक्षा करेगा.

प्राकृतिक दवाओं को भी बढ़ाने का अवसर

पिछले दिनों ही आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए एक मिशन आगे बढ़ा चुके पीएम ने कहा कि उत्तराखंड और यहां के अन्य भागों में आयुर्वेद के लिए बहुत संभावनाएं हैं. यहां पर प्राइवेट कंपनियों को आयुर्वेद को आगे बढ़ाने की योजना पर काम करने के लिए उत्तराखंड आने को कहा. ऑर्गेनिक फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को 2022 तक का लक्ष्य तय करना चाहिए. दुनिया प्राकृतिक तरीके से इलाज कराने के लिए, प्राकृतिक खानपान के लिए और प्राकृतिक तरीके से उत्पादन के लिए प्रेरित हो रही है और उत्तराखंड को इसका लाभ लेना चाहिए.

पहाड़ की जवानी-पानी, पहाड़ के ही काम आये

पीएम ने कहा कि यह पुरानी कहावत रही है कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी, पहाड़ के काम नहीं आता, लेकिन वे उत्तराखण्ड में ऐसे विकास को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं जिससे यहां के जवानों को यहीं काम मिले, जिससे यहां के जवानों की ताकत पहाड़ों के लिए काम आये. उन्होंने उत्तराखंड में विशेष टूरिज़्म, आयुर्वेद, धार्मिक पर्यटन को आगे बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टूरिज़्म को इतना बढ़ावा दिया जाये कि दस लाख से ज्यादा यात्री यहां घूमने आएं, ये लक्ष्य रखकर आगे बढ़ाना चाहिए.


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