
चंद्रयान-2 की सफलता पर पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें, जानिए एक नजर में
नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। आज पूरा देश गौरवान्वित है। हालांकि चंद्रयान 2 चांद से महज दो कदम दूर है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO सेंटर पहुंचकर वैज्ञानिकों से मुलाकात की और आने वाले हर मिशन की बधाई दी। पीएम ने कहा कि चंद्रयान 2 की यात्रा शानदार और जानदार रही। विज्ञान कभी परिणाम से संतुष्ट नहीं होता। विज्ञान प्रयास का नाम है। पीएम ने कहा कि आखिरी कदम पर चंद्रयान चंद्रमा को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
-इसरो ने अपनी मेहनत से नया मुकाम हासिल किया। इसरो अपने आप में कामयाबियों की इनसाइक्लोपीडिया है। इसलिए नाकामयाबियों से घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है बल्कि मजबूत हुआ है।
-पीएम मोदी ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है। इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं।ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नाम की कोई चीज़ नहीं होती। यहां केवल प्रयोग और प्रयास होती है, हर प्रयोग हर प्रयास ज्ञान की नींव रखता है।
-मैं सभी वैज्ञानिकों के परिवार को नमन करता हूं। आप लोगों का महत्वपूर्ण समर्थन साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे।
-वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप मक्खन पर लकीर खींचने वाले नहीं बल्कि पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं।
-मैं यहां आपको उपदेश देने नहीं बल्कि आपसे प्रेरणा लेने के लिए सुबह-सुबह यहां आया हूं।
-मैं आपकी उदासी समझ सकता था, इसलिए कल रात ज्यादा देर नहीं रुका। कई रातों से वैज्ञानिक सोएन हीं है। कल रात मैं आपकी मनोस्थिति को समझ रहा था लेकिन कोई क्षणिक बाधा हमें रोक नहीं सकती।
-पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये आप ही लोग हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह पर भारत का झंडा फहराया था। इससे पहले दुनिया में ऐसी उपलब्धि किसी के नाम नहीं थी। हमारे चंद्रयान ने दुनिया को चांद पर पानी होने की अहम जानकारी दी।
-रुकावटों से हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है। हमें असफलताओं से निराश होने की जरूरत नहीं है। देश के वैज्ञानिक ऊर्जा के साक्षात स्त्रोत हैं।
-इसरो कभी भी हार नहीं मानने वाली संस्कृति का उदाहरण है। अगर हम शुरुआती दिक्कतों और चुनौतियों से हार जाते तो इसरो दुनिया की श्रेष्ठ ऐजेंसी की जगह नहीं ले पाता। हमें अपने वैज्ञानिकों और इंजिनियरों पर गर्व है।
Updated on:
07 Sept 2019 11:04 am
Published on:
07 Sept 2019 09:30 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
