देश में कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के हमले के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों से वर्चुअल संवाद किया।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( coronavirus in India ) और ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस ( Mucormycosis ) के हमले के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डॉक्टरों से वर्चुअल संवाद किया। पीएम मोदी ने इस दौरान जहां बीमार, वहीं उपचार को कोरोना से लड़ाई का नया मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि इलाज को मरीज की चौखट तक लाना स्वास्थ्य ढांचे पर बड़े दबाव को काफी हद तक कम कर सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें अभी एक लंबी लड़ाई लडऩी है। बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। 'जहां बीमार वहीं उपचार', इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह शहर एवं गांवों में घर-घर दवाएं बांटी जा रही हैं, यह बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को और व्यापक करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि '' बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑ क्सीजन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है। यह भी अपने आप में एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने 'काशी कवच' अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि वाराणसी मं लोगों को घर पर ही बैठ कर इलाज से लेकर जांच और दवा तक उपलब्ध कराने के लिए की गई यह शुरुआत प्रशंसा योग्य है और इससे औरों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आशा और एएनएम वर्कर्स की भूमिका को भी सराहा। इसके साथ ही प्रशासन से गांवों में कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए इनका अधिक से अधिक सहयोग लेने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉक्टरों से बातचीत करते हुए भावुक हो उठे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कोविड अस्पतालों की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए आगामी समय उठाए जाने वाले कदमों की भी जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक होकर कहा, कोरोना ने हमसे कई अपनों को छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। कोरोना की सेकेंड वेव में हमारे हेल्थ सिस्टम पर बहुत बड़ा दबाव पैदा हुआ। डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के परिश्रम से हम इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं।