scriptफोटो खींचना मना हैः पीएम बोले ‘बेकार की बात है’ तो चंद घंटों में हट गए बोर्ड | PM Modi reacts on Photography Prohibited, TourismMinister takes action | Patrika News

फोटो खींचना मना हैः पीएम बोले ‘बेकार की बात है’ तो चंद घंटों में हट गए बोर्ड

locationनई दिल्लीPublished: Jul 13, 2018 05:28:27 pm

गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा प्रतिबंधों को अप्रासंगिक यानी बेकार की बात बताया था और कहा था कि अब जमाना बदल गया है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने गुजरात के एक पर्यटन स्थल का भी उदाहरण दिया था।

PM Modi

फोटो खींचना मना हैः पीएम बोले ‘बेकार की बात है’ तो चंद घंटों में हट गए बोर्ड

नई दिल्ली: ‘धरोहर भवन’ के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही गई बात का ऐसा असर हुआ कि चंद घंटों में ही देशभर की कई ऐतिहासिक धरोहरों और सार्वजनिक स्थलों से ‘फोटोग्राफी प्रतिबंधित है’ वाले बोर्ड हटा दिए गए। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा प्रतिबंधों को अप्रासंगिक यानी बेकार की बात बताया था और कहा था कि अब जमाना बदल गया है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने गुजरात के एक पर्यटन स्थल का भी उदाहरण दिया था।
चंद घंटों में हुआ प्रधानमंत्री की सलाह का असर

प्रधानमंत्री के इस बयान के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह पर अमल करते हुए प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों के पास फोटो लेने पर लगी पाबंदी को हटाने का आश्वासन दिया था। इसके कुछ घंटों बाद ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया।
आदेश का असर भी तुरंत हुआ

पुरातत्व सर्वेक्षण के नए आदेश के बाद, अजंता-एलोरा की गुफाओं, ताजमहल के मुख्य कब्र स्थल और लेह पैलेस की पेंटिंग को छोड़कर सभी स्मारकों पर फोटो खींचने की पाबंदी हटा ली गई है। हालांकि इस आदेश में एएसआई के संग्रहालयों का जिक्र नहीं है। एएसआई 3,686 प्राचीन स्मारकों और प्राचीन स्थलों के अलावा राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों का प्रबंधन और देखरेख करता है।
पहले यह था नियम

एएसआई ने 2016 से ही ऐतिहासिक इमारतों और प्राचीन स्थलों पर व्यवसायिक उद्देश्य से फोटोग्राफी पर रोक लगा दी थी और निर्देश जारी कर दिया था कि इसके लिए फोटोग्राफर्स को अनुमति लेनी होगी। 2016 के आदेश के अनुसार, पेशेवर फोटोग्राफर और इतिहासकारों आदि को फोटोग्राफी के लिए एएसआई से अनुमति लेने की जरूरत थी। वहीं नए आदेश का लाभ अब इन लोगों को मिल सकता है।
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