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पाकिस्तान नहीं जुटा सका सिंधु पर बांध बनाने की रकम, चीफ जस्टिस ने बना दिया युद्ध जैसा माहौल

locationनई दिल्लीPublished: Jul 13, 2018 04:47:46 pm

ऐसे में अब भारत के खिलाफ माहौल पैदा करने और राष्ट्रहित की बात करके पाकिस्तान के लोगों में युद्धकाल जैसा जुनून पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि परियोजना के लिए पैसे जुटाए जा सके। इसके लिए 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध की भी याद दिलाई जा रही है।

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नई दिल्ली। अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एक बांध बनाने के लिए परेशान पाकिस्तान ने अब अपनी विवादित परियोजना के लिए नया पैंतरा आजमाया है। सिंधु नदी पर प्रस्तावित इस परियोजना पर भारत की आपत्ति के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अब भारत के खिलाफ माहौल पैदा करने और राष्ट्रहित की बात करके पाकिस्तान के लोगों में युद्धकाल जैसा जुनून पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि परियोजना के लिए पैसे जुटाए जा सके। इसके लिए 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध की भी याद दिलाई जा रही है।
…अब यूं रकम जुटा रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान में बांध परियोजना के लिए रकम जुटाने के लिए लोगों में युद्ध की तरह जुनून पैदा किया जा रहा है। इसकी कमान पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने खुद संभाली है। उन्होंने इस काम के लिए 10 लाख पाकिस्तानी रुपए खुद भी दिए। साथ ही उन्होंने लोगों को दान देने की प्रेरणा देने के लिए 1965 की जंग भी याद दिला दी। उनके अलावा पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने भी अपनी एक महीने की तनख्वाह देने का ऐलान किया है। इनके साथ ही कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी इस मुहिम में जुट गई हैं। सुरक्षा बलों के अधिकारी दो और जवान एक दिन का वेतन दे रहे हैं।
खून और पानी एक साथ नहीं बह सकतेः भारत

उरी और पठानकोट में हुए हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध और खराब हो गए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे पर सख्ती बरती है। उन्होंने स्पष्ट बयान दिया था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारत के जबर्दस्त विरोध के बाद सिंधु बांध परियोजना से वैश्विक समुदाय ने भी हाथ पीछे खींच लिए हैं और कोई भी पाकिस्तान की मदद को तैयार नहीं है। भारत के विरोध के बाद पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक से मदद में भी सफलता नहीं मिली। और तो और पाकिस्तान के करीबी दोस्त चीन ने भी झटका दे दिया है।
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