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वीर सावरकर जयंती: पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, ‘आप’ नेता ने किया विवादित ट्वीट

वीर सावर की 138वीं जयंती पर पीएम मोदी ने समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, आप नेता अमानतुल्लाह खान ने किया विवादित ट्वीट

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Vinayak Damodar Savarkar Brith Anniversary

Vinayak Damodar Savarkar Brith Anniversary

नई दिल्ली। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर ( Veer Savarkar Birth Anniversary ) की 28 मई को 138 वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूं।'

वहीं, शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा अपने ट्वीट में सावरकर को भारत रत्न बताया है, लेकिन सावरकर की जयंती पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने एक विवादित ट्वीट कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।

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पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने सावरकर की जंयती पर ट्वीट किया, आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।’

संजय राउत ने बताया भारत रत्न
शिवसेना सांसद संजय राउत ने वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मराठी में ट्वीट करते हुए लिखा, भारत रत्न! वीर विनायक दामोदर सावरकर यांना अभिवादन! वंदे मातरम! इसका मतलब, भारत रत्न! वीर विनायक दामोदर सावरकर को नमस्कार! वन्दे मातरम।

आप विधायक का विवादित ट्वीट
आम आदमी पार्टी ( AAP ) के विधायक अमानतुल्लाह खान वीर सावरकर की जंयती पर विवादित ट्वीट कर डाला। उन्होंने लिखा- 'वीर नहीं माफी वीर'

विशेष रूप से, अमानतुल्लाह खान की टिप्पणी स्वतंत्रता सेनानी की जयंती के अवसर पर आई है, जो बड़े विवाद की वजह बन सकती है। खान ने अपने ट्वीट के साथ सावरकर की मर्सी पीटिशन की तस्वीर को भी साझा किया है।

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1883 में महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था जन्म
विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था। चितपावन ब्राह्मण परिवार में जन्मे सावरकर शुरुआत से ही क्रांतिकारी थे। नासिक के कलेक्टर की हत्या के आरोप में अंग्रेजों ने 1911 में सावरकर को काले पानी की सजा सुनाई थी।

दरअसल देश की आजादी का पहला बड़ा आंदोलन 1857 में हुआ था। भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर दर्ज करने का श्रेय विनायक दामोदर सावरकर को जाता है। सावरकर ने 1909 में एक किताब लिखी।

इसका नाम था 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857'। इसी किताब ने 1857 की लड़ाई को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम घोषित किया था।