परेड की शुरूआम सबसे पहले युद्धक टैंक टी-90 भीष्म की ओर से की गई। यह मुख्य युद्धक टैंक, हंटर-किलर सिद्धांत पर कार्य करता है। यह 125 मिमी की शक्तिशाली स्मूथ बोर गन, 7.62 मिमी को-एक्सिल मशीन गन और 12.7 मिमी वायुयानरोधी गन से लैस है।
वहीं 861 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल ने भी राजपथ पर अपनी तातक का प्रदर्शन किया। इस मिसाइल का नेतृत्व कैप्टन कमरूल जमान ने किया। 861 रेजिमेंट भारतीय तोपखाना की एक प्रतिष्ठित रेजिमेंट है। इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से तैयार किया गया है।
राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिकों के मार्चिंग दस्ते ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान की ओर से किया गया। इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल रहे।